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WFI Suspended: खेल मंत्रालय के फैसले के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं संजय सिंह, पद से निलंबित किए जाने पर कही ये बात

Sanjay Singh can go to court against the decision of Sports Ministry : डब्लूएफआई के संविधान के मुताबिक, इस तरह के फैसले लेने से पूर्व समिति की ओर से फैसले लिए जाते हैं। वहीं, कोई भी फैसला लेने से पूर्व 15 पूर्व उस व्यक्ति को नोटिस थमाया जाता है, जिसके विरोध में कोई भी फैसला लिया जा रहा है, लेकिन संजय सिंह के मामले में इन सभी नियमों को दरकिनार करके उन्हें पद से निलंबित किया गया है, जिसे ध्यान में रखते हुए अब उन्होंने कोर्ट जाने का फैसला किया है।

नई दिल्ली। हाल में चुनाव जीतकर डब्लूएफआई के अध्यक्ष बने संजय सिंह को खेल मंत्रालय ने निलंबित कर दिया है। वहीं, अब खबर है कि वो इस निलंबन के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं। उधर, आज इस संदर्भ में बृजभूषण शरण सिंह ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्य़क्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की। हालांकि, मुलाकात के दौरान दोनों के बीच किन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई है। अभी तक इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। संजय सिंह ने डब्लूएफआई के अध्य़क्ष पद से निलंबित किए जाने के बाद मीडिया को दिए बयान में कहा कि अभी मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। सतही तौर पर ही मुझे जानकारी मिली है कि मुझे डब्लूएफआई के अध्य़क्ष पद से निलंबित कर दिया गया है। मैं पहले पूरे मामले के बारे में जानकारी एकत्रित कर लेता हूं। इसके बाद ही मैं इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी कर पाऊंगा। उधर, खेल मंत्रालय ने WFI को कोई भी फैसला लेना से रोक दिया है। आइए, आगे जरा जान लेते हैं कि डब्लूएफआई का संविधान इस संदर्भ में क्या कुछ कहता है ?

आपको बता दें कि डब्लूएफआई के संविधान के मुताबिक, इस तरह के फैसले लेने से पूर्व समिति की ओर से फैसले लिए जाते हैं। वहीं, कोई भी फैसला लेने से 15 दिन पूर्व उस व्यक्ति को नोटिस थमाया जाता है, जिसके विरोध में कोई भी फैसला लिया जा रहा है, लेकिन संजय सिंह के मामले में इन सभी नियमों को दरकिनार करके उन्हें पद से निलंबित किया गया है, जिसे ध्यान में रखते हुए अब उन्होंने कोर्ट जाने का फैसला किया है।

सनद रहे कि बीते दिनों संजय सिंह को डब्लूएफआई का अध्यक्ष चुना गया था, जिसके बाद पहलवानों ने इस पर आपत्ति जताई थी। दरअसल, संजय सिंह बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं। इतना ही नहीं, उनके बृजभूषण के साथ तीन दशक तक पारिवारिक रिश्ते भी रहे हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए पहलवानों की आपत्ति उचित मालूम पड़ती है।

बता दें कि संजय सिंह को डब्लूएफआई का अध्य़क्ष चुने जाने के बाद साक्षी मलिक ने जहां कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था, तो वहीं बजरंग पुनिया ने पद्मश्री लौटा दिया था। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने पहलवानों द्वारा झेले गए अब तक की व्यथा का उल्लेख किया था।