
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज भारत के मुख्य न्यायाधीश देवेगौड़ा चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक अहम सुनवाई की। जो राजधानी दिल्ली में अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग की वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका से जुड़ी है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त सेवानिवृत्त न्यायाधीश उदय कुमार के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने का आदेश दिया। यह निर्णय अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग को लेकर चल रहे विवाद के समय में आया है, जिसमें आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के आदेशों का कड़ा विरोध कर रही है।
आपको बता दें कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने दलील दी है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश असंवैधानिक हैं। सरकार की ओर से दायर याचिका में केंद्र सरकार के आदेशों के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और तबादलों और पोस्टिंग की संवैधानिकता की जांच के लिए कार्यवाही शुरू की है।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ के प्रमुख मुख्य न्यायाधीश देवेगौड़ा चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील द्वारा प्रस्तुत दलीलों को सुना। वकील ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार के आदेश दिल्ली सरकार की शक्तियों का अतिक्रमण करते हैं और संविधान में निहित संघवाद के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं।
Supreme Court issues notice to the Centre and Lieutenant Governor on a petition of Delhi government challenging June 22 notification of appointment of DERC chairman. pic.twitter.com/yYFtocDNo3
— ANI (@ANI) July 4, 2023
केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच इस कानूनी लड़ाई ने दोनों संस्थाओं के बीच शक्तियों के वितरण पर बहस छेड़ दी है। तबादलों और पोस्टिंग की संवैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट के विचार-विमर्श के नतीजों का दिल्ली सरकार के कामकाज और इसकी प्रशासनिक फ्रीडम पर पड़ेगा।