नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह कश्मीर घाटी में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। जिस तरह आतंकियों द्वारा गैर-कश्मीरियों की हत्या की जा रही है। जिस तरह से वहां खौफजदा माहौल के बीच गैर-कश्मीरी घाटी से पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं, उसे ध्यान में रखते हुए माना जा रहरा है कि केंद्र सरकार अब बड़ा कदम उठाने वाली है। खबरों की मानें तो केंद्र सरकार ने घाटी की हालिया स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में सुरक्षाबलों को हथियारों संग वहां रवाना कर दिया है। वहां सुरक्षा-व्यवस्था को चाकचौबंद करने की पूरी रूपरेखा तैयार की जा चुकी है।
वहीं, केंद्र के इस कदम के बाद घाटी में हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि सरकार कुछ बड़ा कदम उठाने वाली है। जिस तरह से अभी घाटी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा लगातार कदम उठाए जा रहे हैं, उससे सरकार के आगामी कदमों की रूपरेखा स्पष्ट होती प्रतीत हो रही है। वहीं, सरकार द्वारा उठाए गए इन हालिया कदमों को केंद्रीय गृह अमित शाह के जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि घाटी में संवेदनशील हो चुकी स्थिति के बीच शाह के दौर के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के ध्येय यह कदम उठाया गया है।
धारा 370 के विरोध में आतंकियों की बौखलाहट
यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए जिस तरह बीते दिनों घाटी में गैर-कश्मीरियों के विचलित करने की तस्वीर सामने आई है, वह कुछ नहीं, बस धारा 370 के विरोध का प्रतिरूप है, लेकिन दिल दहला देने वाली आई इन तस्वीरों ने पूरे देश के दिल को दहला कर रख दिया था। अभी-भी घाटी में हालात दुरूस्त नहीं हुए हैं। बीते दिनों दो प्रवासी मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया गया था, जिसके बाद खौफ में आए लोग घाटी छोड़ने लगे। घाटी में 1990 जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। जिस तरह से पहले कभी कश्मीरी पंडितों ने पलायन किया था, ठीक वैसे ही वर्तमान में गैर-कश्मीर वहां से पलायन करने पर मजबूर हैं। ऐसे में सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती यही है कि ऐसे कौन से कदम उठाए जाए, जिससे वहां बेकाबू हो चुकी स्थिति को काबू में किया जाए। इसी बीच अमित शाह का यह दौरा काफी मायने रखता है। वे पार्टी कार्यकर्ताओं को भी संबोधित करेंगे और घाटी में स्थिति नियंत्रण करने की दिशा में पूरी रूपरेखा तैयार करेंगे, ताकि हालातों को काबू में किया जा सकें।