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कोरोना का कहर लेकर डूब गया शेयर बाजार, सेंसेक्स में गिरावट 3200 के पार तो निफ्टी पर पड़ी 950 अंकों की मार

2008 के बाद पहली बार कारोबार के दौरान सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट दिखाई दे रही है। रिलायंस और टाइटन के शेयरों की गिरावट उन्हें आज के कारोबार के दौरान 52 हफ्तों के लो पर पहुंचा चुकी है।

मुंबई। कोरोनावायरस के कहर से घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को धड़ाम हो गया। विदेशी बाजार से मिले खराब संकेतों व निराशाजनक रुझानों से दलाल स्ट्रीट लहूलुहान हो गया। 2008 के बाद पहली बार कारोबार के दौरान सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट दिखाई दे रही है। रिलायंस और टाइटन के शेयरों की गिरावट उन्हें आज के कारोबार के दौरान 52 हफ्तों के लो पर पहुंचा चुकी है।

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दोपहर 14.55 बजे बंबई स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले 2,974.23 अंकों यानी 8.33 फीसदी की गिरावट के साथ 32,723.17 पर कारोबार कर रहा था, जबकि इससे पहले सेंसेक्स 32,493.10 तक गिरा।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 872.95 अंकों यानी 8.33 फीसदी की गिरावट के साथ 9,585.45 पर बना हुआ था। इससे पहले निफ्टी लुढ़ककर 9,508 पर आ गया।

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कमोडिटी बाजारों पर भी काफी असर देखने को मिल रहा है। वैश्विक बाजारों से संकेत लेते हुए घरेलू शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 1200 अंकों से ज्यादा नीचे खुला और देखते ही देखते गिरावट 2500 अंकों से ज्यादा तक पहुंच गई। गिरावट इतनी तेज थी कि महज एक मिनट में निवेशकों के 6 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। अब सेंसेक्स 300 पॉइंट्स से ज्यादा लुढ़क गया है।

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बाजार के जानकार निवेशकों की घबराहट की बड़ी वजह कोरोना वायरस को बता रहे हैं। उनके मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप दुनियाभर में गहराने और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदमों से बाजार में घबराहट का माहौल बना हुआ है। कोरोना का कहर और इंटरनैशनल मार्केट में कच्चे तेल में गिरावट के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी की आशंका बनी हुई है जिसके चलते बिकवाली का दबाव बना हुआ है। इस साथ ही यस बैंक के ताजा संकट ने भी बेचैनी बढ़ाई है।