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UP: गोरखनाथ मंदिर हमला मामले में दिल्ली समेत 7 जगह से 10 हिरासत में, हमलावर मु्र्तजा को यहां ले गई UPATS

मुर्तजा के बारे में ये भी पता चला है कि खुफिया एजेंसियों की 21 महीने से उस पर नजर थी। मुर्तजा ने दरअसल, खाड़ी देशों में कुछ लोगों को पैसे भेजे थे। जिसके बाद से ही वो खुफिया एजेंसियों के रडार पर आया था। साल 2020 में गोरखपुर से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस ने भी मुर्तजा का नाम लिया था।

लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ से जुड़े गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के बाहर हुए जानलेवा हमले के मामले में यूपी पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड UPATS ने राजधानी दिल्ली समेत 7 जगह छापेमारी करते हुए 10 लोगों को हिरासत में लिया है। एटीएस ने लखनऊ, कानपुर, नोएडा, शामली, संभल, सहारनपुर और दिल्ली में छापेमारी कर इन लोगों को हिरासत में लिया। सूत्रों के मुताबिक इन सभी के संबंध हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी से प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर रहे हैं। मुर्तजा से मिलने और उससे फोन पर बात करने वाले 40 और लोगों की एटीएस तलाश कर रही है। इनकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें बनाई गई हैं।

gorakhnath temple 1

इस बीच, गोरखनाथ मंदिर के बाहर धारदार हथियार से हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी को यूपीएटीएस गोरखपुर जेल से रिमांड पर लखनऊ लाई है। उससे यहां पूछताछ की जा रही है। गोरखपुर में मुर्तजा के पिता मुनीर अब्बासी के घर का वो कमरा भी एटीएस ने सील कर दिया है, जिसमें मुर्तजा रहा करता था। बताया जा रहा है कि कमरे से कुछ सामान भी एटीएस ने जब्त किया है। कुल मिलाकर मुर्तजा के आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े होने की आशंका अब बढ़ गई है। मुर्तजा ने गिरफ्तारी के बाद कहा था कि वो पुलिस की गोली से मरना चाहता था। उसके पास नौकरी नहीं है और पत्नी भी छोड़ गई। इस वजह से वो जान देना चाहता था। मुर्तजा के पिता ने भी बेटे की मानसिक हालत ठीक न होने की बात कही थी, लेकिन एटीएस और यूपी स्पेशल टास्क फोर्स UPSTF की अब तक की जांच में आतंकी गतिविधि का शक गहराया है।

yogi gorakhnath gorakhnath mandir

मुर्तजा के बारे में ये भी पता चला है कि खुफिया एजेंसियों की 21 महीने से उस पर नजर थी। मुर्तजा ने दरअसल, खाड़ी देशों में कुछ लोगों को पैसे भेजे थे। जिसके बाद से ही वो खुफिया एजेंसियों के रडार पर आया था। साल 2020 में गोरखपुर से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस ने भी मुर्तजा का नाम लिया था। इसके अलावा मुर्तजा के आधार कार्ड में नवी मुंबई का जो पता लिखा है, वो फ्लैट भी उसके पिता ने काफी पहले बेच दिया। ऐसे में एटीएस ये भी जानना चाहती है कि जब मुर्तजा गोरखपुर में रह रहा था, तो उसके आधार कार्ड में पता क्यों नहीं बदलवाया गया।