नई दिल्ली। कहने वाले तो यहां तक भी कह जाते हैं कि दरिया की भी हदें होती हैं और हमें लगता है कि ऐसा कहने वाले बिल्कुल सही कहते हैं, लेकिन सियासत में अब तमाम निर्धारित हदों का कुंठित मानसिकता के सियासतदानों के द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है, जिसके लिए ऐसे लोग आलोचना के पात्र हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर किस माजरे से रूबरू कराने से पहले इस तरह की भूमिकाओं के जाल बुने जा रहे हैं। आखिर माजरा क्या है। जरा कुछ खुलकर बताएंगे। तो चलिए अब हम आपको सबकुछ विस्तार से बताते हैं। दरअसल, यह पूरा माजरा दक्षिण भारत के सूबे तेलंगाना से प्रकाश में आया है। पता ही होगा आपको कि पिछले कुछ दिनों से दक्षिण भारत के मुख्तलिफ सूबों में बीजेपी की आमद का ग्राफ लगातार बढ़ा है। बीजेपी नेताओं की आमद में तेज वृद्धि देखने को मिली है, जिसे विरोधी दल हज़म नहीं कर पा रहे हैं और अब बीजेपी को निशाने पर लेने के लिए सारी हदों को पार करने पर आमादा हो चुके हैं।
चलिए, अब निशाने पर लेना तक तो ठीक था, लेकिन इस बार टीआरएस तेलंगाना राष्ट्र समिति ने अपनी हदें ही पार कर दीं। टीआरएस ने बीजेपी का विरोध करने के नाम पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की कब्र खोद डाली। उनकी तस्वीर लगाकर अंतिम संस्कार कर दिया। टीआरएस ने ऐसा करके अपना विरोध दर्ज कराया है, लेकिन बीजेपी को टीआरएस द्वारा की गई यह करतूत बिल्कुल भी रास नहीं आया, लिहाजा भड़की भाजपा ने टीआरएस की जमकर क्लास लगा डाली। दरअसल, कथित तौर पर आज से चार साल पहले तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक जनसभा को संबोधित करने के क्रम में रीजनल फ्लोराइड मिटिगेशन एंड रिसर्च सेंटर चौटुप्पल की स्थापना करने का वादा किया था, लेकिन आज इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद भी इस वादे को मूर्त रूप नहीं दिए जाने पर टीआरएस ने अपना रोष व्यक्त करते हुए जेपी नड्डा की ही कब्र खोद डाली और उनका अंतिम संस्कार कर दिया जिसका वीडियो भी प्रकाश में आया है, जिस पर लोग अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं।
तेलंगाना में जेपी नड्डा की तस्वीर के साथ एक कब्र का वीडियो सामने आया है
◆ BJP ने जताई नाराजगी pic.twitter.com/5XMLVCWg6P
— News24 (@news24tvchannel) October 20, 2022
वहीं, बीजेपी नेता एनवी सुभाष ने टीआरएस के इस कृत्य पर कहा कि जेपी नड्डा की कब्र खोदकर वहां अंतिम संस्कार करना मूर्खता है। हम इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाएंगे। जेपी नड्डा ने मुनुगोड़े में फ्लोराइड इंस्टीट्यूट बनाने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने इस दिशा में किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया और ना ही किसी भी सहयोगात्मक मुद्रा देखने को मिली। बता दें कि उपरोक्त मामले के बाद सूबे में सियासी पारा अपने चरम पर पहुंच चुका है। बीजेपी और टीआरएस के बीच जुबानी जंग जारी है। बीजेपी टीआरएस का विरोध कर रही है, तो टीआरएस बीजेपी का विरोध कर रही है।
ध्यान रहे कि यह सबकुछ मुनुगोड़े उपचुनाव से पहले हो रहा है। यानी की उपचुनाव से पहले दोनों ही दलों के बीच जुबानी जंग तीखी हो चुकी है। अगले वर्ष सूबे में चुनावी डंका भी बजने जा रहा है। ऐसी स्थिति में मुख्तलिफ सियासी दलों के बीच जुबानी जंग होना लाजिमी है, लेकिन चुनाव पहले यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।