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कोरोना से लड़ने में भारत द्वारा किए गए प्रयासों की G20 देशों ने की सराहना

प्रधानमंत्री ने सामूहिक रूप से संपूर्ण मानव जाति के लिए एक नए वैश्वीकरण की शुरुआत करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि चिकित्सा अनुसंधान स्वतंत्र रूप से सभी देशों के लिए उपलब्ध होना चाहिए।

नई दिल्ली। गुरुवार को जी-20 देशों की बैठक हुई और इस बैठक में सभी देशों ने कोरोना जैसी महामारी से निपटने को लेकर चर्चा की। इस बैठक में पीएम मोदी भी शामिल रहे और उनके साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। बता दें कि दुनिया के 19 देशों और यूरोपीय संघ के लीडर्स की यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। पीएम मोदी ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया। कोरोना वायरस से निपटने और इसके कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान में मदद के लिए 5 ट्रिलियन डॉलर लगाने का फैसला किया गया है।

pm modi G20

इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 देशों के नेताओं से अर्थ व्यवस्था की चिंता छोड़ मानव जीवन पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाने का आग्रह किया। उन्होंने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की कठिनाइयों को कम करने की योजना बनाने का भी आग्रह किया। यह फोरम वित्तीय और आर्थिक मुद्दों को संबोधित करने का एक मंच बन गया है। इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल भी मौजूद रहे।

Modi G20 video

बैठक में भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों को जी-20 देशों ने सराहना की। इसमें पीएम मोदी ने COVID19 महामारी के खतरनाक सामाजिक और आर्थिक प्रभावों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि COVID19 के 90% मामले और इससे 88% मौतें G 20 देशों में हुईं, जो विश्व की GDP का 80% और विश्व जनसंख्या का 60% हिस्सा रखते हैं: विदेश मंत्रालय कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सिर्फ क्षेत्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की भूमिका को जी-20 वर्चुअल समिट में अन्य नेताओं ने सराहा।

पीएम मोदी ने कहा कि यह वक्त इस बात की चर्चा करने का नहीं है कि कोविड-19 का जन्म कहां हुआ। इस वक्त मौजूदा संकट से निपटने के उपायों पर बात होनी चाहिए। वायरस के प्रकोप के लिए किसी को दोष देने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने सामूहिक रूप से संपूर्ण मानव जाति के लिए एक नए वैश्वीकरण की शुरुआत करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि चिकित्सा अनुसंधान स्वतंत्र रूप से सभी देशों के लिए उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रभावी टीकों के विकास के लिए डब्ल्यूएचओ को सशक्त बनाना जरूरी है।