नई दिल्ली। शिवसेना नेता संजय राउत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मुलाकात ने सियासी तूफान ला दिया है। एक तरफ कांग्रेस की तरफ से इस मामले पर प्रतिक्रिया उद्धव ठाकरे से कांग्रेस नेता की मुलाकात के बाद देखने को मिली तो वहीं दूसरी तरफ एनसीपी के नेता शरद पवार ने भी इस मुलाकात पर बड़ा बयान दिया है। राउत और फडणवीस की मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए पवार ने कहा कि इसका राज्य की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना सांसद संजय राउत की पिछले शनिवार को मुंबई में मुलाकात हुई थी। इसके बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। बता दें कि राउत और फडणवीस के बीच यह मुलाकात एक होटल में हुई थी।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने इस मुलाकात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मुलाकात का सूबे की सियासत पर कोई भी असर पड़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि अखबारों के संपादकों या पत्रकारों को इंटरव्यू लेने पड़ते हैं और राउत इसी सिलसिले में फडणवीस से मिलने गए थे।
उन्होंने कहा कि संजय राउत ने सबसे पहले मेरा इंटरव्यू लिया था, तभी उन्होंने कहा था कि वह इसके बाद उद्धव ठाकरे का और फिर बीजेपी नेताओं का इंटरव्यू करेंगे। पवार ने आगे बताया कि दोनों के बीच इसीलिए मुलाकात हुई। इसका मतलब ये नहीं है कि दोनों एक साथ हो गए, ऐसा नहीं है। ऐसे में साफ बता दूं कि इस मुलाकात का राज्य की राजनीति पर कोई असर नहीं होगा।
इससे पहले शरद पवार ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। यह मुलाकात फडणवीस और राउत की बैठक के एक दिन बाद हुई थी। वहीं, फडणवीस ने भी रविवार को कहा था कि शिवसेना से हाथ मिलाने या राज्य में उद्धव ठाकरे नीत गठबंधन सरकार गिराने का बीजेपी का कोई इरादा नहीं है। फडणवीस ने दावा किया था कि राज्य के लोग शिवसेना नीत ‘महाराष्ट्र विकास आघाडी’ सरकार के कामकाज से नाखुश हैं और यह ‘अपनी अकर्मण्यता के चलते गिर जाएगी।’