मुंबई। जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने खुलासा किया है कि किस तरह सूबे की महाविकास अघाड़ी सरकार में सीएम उद्धव ठाकरे की नाक के नीचे ट्रांसफर-पोस्टिंग का अवैध खेल चला। प्रवर्तन निदेशालय ED को देशमुख ने बुधवार को बताया कि उद्धव ठाकरे सरकार में राज्य मंत्री और शिवसेना के नेता अनिल परब ने उन्हें उन अफसरों की लिस्ट दी थी, जिनका ट्रांसफर होना था। परब ने ये लिस्ट बिना साइन किए दी थी। देशमुख ने बताया कि परब को शायद ये लिस्ट शिवसेना के विधायकों और पार्षदों से मिली होगी। देशमुख ने ईडी को ये भी बताया कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों भरी कार रखने के मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का हाथ है।
ईडी ने जब ट्रांसफर लिस्ट के बारे में देशमुख से पूछा कि क्या उस अनधिकृत लिस्ट को ही उन्होंने आधिकारिक बना दिया, तो इस पर देशमुख ने कहा कि वो लिस्ट उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज दी थी और नियमों के तहत कदम उठाने के निर्देश दिए थे। देशमुख ने ईडी को ये भी बताया कि गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को उन्होंने ये भी कहा था कि ट्रांसफर लिस्ट पर पुलिस एस्टेबलिशमेंट बोर्ड से भी चर्चा करें और नियम के खिलाफ हो, तो लिस्ट के नामों को हटा दिया जाए।
इससे पहले एंटीलिया बम केस में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर सचिन वाझे ने आरोप लगाया था कि 10 डीसीपी का ट्रांसफर करने के एवज में देशमुख और अनिल परब ने 20 करोड़ रुपए लिए थे। ट्रांसफर के आदेश पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने जारी किए थे। अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग के केस में 2 नवंबर 2021 से जेल में हैं। ईडी लगातार उनसे पूछताछ कर मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है। देशमुख के ताजा बयान से साफ हो रहा है कि महाविकास अघाड़ी की सरकार में खेल ऊपरी स्तर पर खेला जा रहा था। इस मामले में अभी अनिल परब की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।