नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में अब कुछ शेष रह गए हैं। बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होनी है। जिसके बाद 21 जुलाई को देश को पता चल जाएगा कि अगला महामहिम होगा। बहरहाल राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू है, जबकि विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा है। चुनाव से एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को कई पार्टियां का साथ मिल चुका है। भाजपा की अगुआई वाली एनडीए अधिक से अधिक पार्टियों को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन देने के लिए जुटा रही है, ताकि एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार आसानी से जीत हासिल कर सके। वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा इस रेस में काफी पीछे होते दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच शिवसेना में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए हंगामा होता नजर आ रहा है।
महाराष्ट्र की सत्ता गंवाने के बाद शिवसेना के सामने अब एक और मुश्किल खड़ी हो गई है। इस बार शिवसेना में राष्ट्रपति चुनाव में किसे सपोर्ट किया जाए। इसको लेकर घमासान मचते दिखाई दे रहा है। दरअसल शिवसेना के 18 सांसदों में से 13 ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का निर्णय लिया है।
उधर, माना जा रहा है कि आगामी दिनों में शिवसेना सांसदों के बागी तेवर उद्धव के अस्तित्व को संकट में डाल सकते हैं।सांसदों के इस फैसले से शिवसेना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि पहले ही बागी विधायकों के चलते उसे सत्ता गंवानी पड़ी। ऐसे में अब सांसदों ने एनडीए प्रत्यासी को सपोर्ट देने का ऐलान कर दिया है। शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा कि उन्होंने अपने सामूहिक फैसले की जानकारी पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को भी दी।