नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में कई दिनों से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद में रविवार को एक नया मोड़ आ गया है। बता दें कि जिस चीज को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू के नाम से खफा नजर आ रहे थे, अब उसी बात को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने बड़ा फैसला लिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए चार वर्किंग प्रेसिडेंट भी बनाए गए हैं। इसके लिए एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए केसी वेणुगोपाल की तरफ से पत्र के जरिए ये जानकारी दी गई।
पत्र में जानकारी दी गई है कि, AICC अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू को तत्काल प्रभाव से पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। जिन लोगों को प्रदेश में वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया है उसमें संगत सिंह, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा का नाम शामिल है। यानी अब साफ हो गया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और राज्य में कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्दू के हाथ होगी।
नवजोत सिंह सिद्धू बनाए गए पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष pic.twitter.com/C4QIevgrQg
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) July 18, 2021
वहीं इससे पहले सिद्धू की ताजपोशी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नाराज बताए जा रहे थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि, पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगी, उन्हें मंजूर होगा लेकिन सिद्धू अपने बयानों को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। वहीं सिद्धू की ताजपोशी से पहले शनिवार को सूत्रों से जानकारी मिली कि सीएम अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के साथ जारी विवाद में उनसे मुलाकात के लिए शर्त रख दी थी।
दरअसल कांग्रेस से जुड़े सूत्रों से जानकारी सामने आई थी कि, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी तरफ से साफ कह दिया है कि जबतक सिद्धू माफी नहीं मांगते तबतक वे सिद्धू से नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा है कि, सिद्धू मुझ पर हमला करने वाले अपने ट्वीट के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। बता दें कि सिद्धू ने सार्वजनिक रूप से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर हमला बोला है। वो लगातार अपने ट्वीट और बयानों के माध्यम से उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठाते रहे हैं। ऐसे में अब कैप्टन चाहते हैं कि सिद्धू उनसे माफी मांगे, वो भी सार्वजनिक रूप से।