newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Punjab: कैप्टन के लिए सिद्धू ने फिर खड़ी कर दी मुसीबत, 5 मांगों की चिट्ठी भेजकर कहा- तुरंत की जाएं पूरी

Punjab: पंजाब में तू बड़ा या मैं के इस खेल में कांग्रेस आलाकमान से आशीर्वाद मिलने की वजह से सिद्धू के हौसले बुलंद हैं। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह को बैकफुट पर आना पड़ा है। अब सिद्धू की चिट्ठी में लिखी मांगें अगर वह नहीं मानते हैं, तो फिर दोनों की तलवारों का म्यान से बाहर आना तय है।

चंडीगढ़। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सुलह कराने में कांग्रेस आलाकमान भले ही सफल रहा, लेकिन अब सिद्धू ने कैप्टन के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। सिद्धू ने एक चिट्ठी कैप्टन को भेजी है। इस चिट्ठी में 5 मांगें की गई हैं। सिद्धू ने कैप्टन से इन मांगों को तुरंत पूरा करने के लिए कहा है। पंजाब में तू बड़ा या मैं के इस खेल में कांग्रेस आलाकमान से आशीर्वाद मिलने की वजह से सिद्धू के हौसले बुलंद हैं। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह को बैकफुट पर आना पड़ा है। अब सिद्धू की चिट्ठी में लिखी मांगें अगर वह नहीं मानते हैं, तो फिर दोनों की तलवारों का म्यान से बाहर आना तय है।

navjot singh sidhu and amrinder

सिद्धू ने पहली मांग रखी है कि कोटकपूरा और बेब्बल कलां में गुरुग्रंथ साहिब के अपमान और इसके बाद हुई हिंसा के दौरान पुलिस फायरिंग के दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। उनकी दूसरी मांग है कि एसटीएफ की रिपोर्ट में जिस सबसे बड़े ड्रग सप्लायर का नाम लिखा गया है, उसकी गिरफ्तारी हो। सिद्धू की तीसरी मांग है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों पर पंजाब सरकार ठीक उसी तरह सख्त रवैया अपनाए, जैसा उसने सतलुज यमुना लिंक नहर के बारे में अपनाया था। यानी पंजाब सीधे केंद्र से कह दे कि कृषि कानून वह लागू नहीं करेगा।

Sidhu Letter
सिद्धू की चौथी मांग है कि सत्ता में आने से पहले सस्ती बिजली की बात कैप्टन ने कही थी। इसके लिए बिजली खरीद के उन समझौतों को रद्द किया जाए जिनकी वजह से पंजाब को महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ती है। उनकी पांचवीं मांग है कि विभिन्न मुद्दों पर सरकार का विरोध कर रहे डॉक्टर, नर्स, बिजली के लाइनमैन और सफाई कर्मचारियों की 20 यूनियनें आंदोलन कर रही हैं। इन सभी के नेताओं को बुलाकर सरकार बात करे और उनकी परेशानी दूर करे।

navjot sidhu

मजे की बात यह है कि सिद्धू ने कैप्टन को नसीहत भी दी है कि सरकार को किस तरह आम आदमी का दुख-दर्द समझने वाला और चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा करने वाला होना चाहिए। बहरहाल, सिद्धू की इन 5 में से कितनी मांगें अमरिंदर सिंह मानते हैं, यह देखना बाकी है। देखना यह भी बाकी है कि यही 5 मांगें कहीं दोनों के बीच बड़ी जंग की वजह तो नहीं बन जाएंगी।