नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए। मुद्दा वही अल्पसंख्यकों का है। दरअसल, मोदी सरकार ने इस बार अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में कटौती कर दी है। इसी से ओवैसी नाराज हैं। ओवैसी ने इस बारे में खबर को आधार बनाकर अपनी नाराजगी जताई। इस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने उनको जमकर आईना भी दिखाया है। पहले आपको बताते हैं कि ओवैसी ने क्या कहा है। ओवैसी ने बजट एलान के बाद ट्वीट किया कि मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट करीब 40 फीसदी काट दिया। शायद मोदी के हिसाब से गरीब अल्पसंख्यक बच्चों को सरकार की कोशिश की जरूरत नहीं है। सबका विकास जैसे नारे काफी हैं।
मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट 40% काट दिया। शायद मोदी के हिसाब से ग़रीब अल्पसंख्यक बच्चों को सरकार के “प्रयास” की ज़रूरत नहीं है, “सबका विकास…” जैसे नारे काफ़ी हैं।#Budget2023 https://t.co/FEFSR7qEVX
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 1, 2023
असदुद्दीन ओवैसी की सारी सियासत अल्पसंख्यक के नाम पर मुसलमानों के ही इर्द-गिर्द घूमती है। वो मुसलमानों का मुद्दा उछालकर मोदी सरकार के घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। इस बार अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में कटौती की गई है। साल 2023-24 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अल्पसंख्यक मंत्रालय को 3097.60 करोड़ रुपए दिया है। इससे पहले 2022-23 में उन्होंने 5020.50 करोड़ दिया था। जबकि, साल 2021-22 में अल्पसंख्यक मंत्रालय को बजट में 4323.63 करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी अगले वित्तीय वर्ष में बजट में 38 फीसदी से ज्यादा की कटौती की गई है। इसी पर ओवैसी भड़क गए हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में कटौती का रोना रोकर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा, तो खुद भी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए। यूजर में से एक ने लिखा कि जब बच्चे अल्लाह देता है, तो पैसा भी उनसे ही ले लो। वहीं एक यूजर ने बताया कि मुसलमान ही अकेले अल्पसंख्यक नहीं हैं। एक अन्य यूजर ने पूछा कि मजहब के आधार पर कब तक पैसा लोगे। यूजर्स ने किस तरह ओवैसी पर कमेंट किए, ये आप नीचे पढ़ सकते हैं।
जब बच्चे अल्लाह की देन है तो पैसे भी अल्लाह से लेलो। टैक्सपेयर्स का पैसा परिश्रम और अनुभवों से अर्जित किया जाता है। 12-15 कभी -२ तो 18 घण्टे अथक परिश्रम करना पड़ता है
और मुसलमान अल्पसंख्यक के नाम पर आराम से मुफ्त का राशन, नौकरी, मौलवी की सैलरी, चिकित्सा, शिक्षा, आरक्षण पाता है।— अनुज द्विवेदी, (अर्जुन) (@D__Arjun) February 1, 2023
Sir, jains are also part of minority..
We want more cut, 80% minimum
— MJ ?? (@frendmtweets) February 1, 2023
अल्पसंख्यक के चक्कर मे हम बहुसंख्यक का विकाश नही हो रहा है , हमलोग मेहनत करते टैक्स भरते एवं दूसरे लोग “हम पांच हमारे पचीस” के नारा से हमारा हक मार देते
— bhagat (@Shailen61727189) February 1, 2023
अरे भाई secular देश है
अल्पसंख्यकक्या होता है ??
मज़हब के आधार पर कब तक पैसे लोगो, काबिल बनो, मज़हब क्या मंदबुद्धि बना देता है लोगो को की मदद चाहिए ??
ग़रीबी के आधार पर मदद मिल सकती है , ना की मज़हब के आधार पर
— CC – Championing against Child abuse (@ccrebel1) February 1, 2023
Sir aap minority nahi 2nd largest majority ho
— thegreyRainbow (@TheGreyRainbow_) February 1, 2023
भारतमे अल्पसंख्यक पारसी लोग है। जो खुद्दार और किसी तरह का मुफ़्त नही मांगते।
— Premchand Patil (@PremchandPati13) February 1, 2023
Sorry to say but minority wale baat htne chaiyea.. Muslim r 25 crore .. Not a less population. In secular country no more minority and reservation.. Only financial k based p hi y sb hone chaiyea..
— Saket Kumar (@skumar77829) February 1, 2023