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UP: डॉन मुख्तार अंसारी के बेटों पर कसा कोर्ट का शिकंजा, अग्रिम जमानत अर्जी खारिज, अफसरों से निपटने की दी थी धमकी

आरोप है कि इस साल 3 मार्च को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा उम्मीदवार रहे अब्बास अंसारी ने पहाड़पुर मैदान में जनसभा के दौरान कहा था कि सपा सरकार बनने पर वो अखिलेश यादव से कहेंगे कि अफसरों का छह महीने तक ट्रांसफर न किया जाए, ताकि उनसे हिसाब किताब किया जा सके।

लखनऊ। डॉन और माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बा अंसारी और उमर अंसारी को एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट से जोर का झटका लगा है। अब्बास और उमर ने कोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी थी, लेकिन विशेष जज दिनेश कुमार चौरसिया ने दोनों को जमानत देने से इनकार कर दिया। अब्बास और उमर पर मंच से अफसरों को धमकी देने और आचार संहिता उल्लंघन का केस है। अब्बास यूपी में सुभासपा के टिकट पर विधायक बने हैं। विशेष कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकील दारोगा सिंह और सरकारी वकील राणा प्रताप सिंह की दलीलें सुनने और केस डायरी देखने के बाद ये फैसला दिया है।

ये मामला यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान का है। मऊ के कोतवाली थाना इलाके में एक जनसभा के दौरान अब्बास अंसारी ने अफसरों को धमकाया था। इस मामले में गिरफ्तारी परवाना कटा हुआ है। जज ने अपने आदेश में लिखा कि अब्बास अंसारी और अन्य आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया है। इस आरोप पत्र का एमपी-एमएलए कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने संज्ञान भी लिया है। ऐसे में अग्रिम जमानत की अर्जी को मंजूरी नहीं मिल सकती। सरकारी वकील ने जमानत अर्जी पर बहस के दौरान कहा कि अब्बास अंसारी अगर बाहर रहे, तो वो मुकदमे को प्रभावित कर सकते हैं।

umar mukhtar abbas

बता दें कि अब्बास और अन्य आरोपियों पर ये केस कोतवाली के एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर दर्ज हुआ है। आरोप है कि इस साल 3 मार्च को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा उम्मीदवार रहे अब्बास अंसारी ने पहाड़पुर मैदान में जनसभा के दौरान कहा था कि सपा सरकार बनने पर वो अखिलेश यादव से कहेंगे कि अफसरों का छह महीने तक ट्रांसफर न किया जाए, ताकि उनसे हिसाब किताब किया जा सके। इसी को धमकी मानते हुए केस दर्ज हुआ है।