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कृषि कानूनों की प्रति फाड़कर केजरीवाल ने मोल ली मुसीबत, सांसद ने दिया विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

Arvind Kejriwal: सोनल मानसिंह (Sonal Mansingh) ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आरोप लगाया कि ऐसा पहली बार हुआ कि किसी बिल को पास करने के लिए किसी भी प्रकार का मतदान नहीं हुआ।

नई दिल्ली। राज्यसभा की कार्यवाही और सभापति के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल की कथित टिप्पणी पर राज्यसभा की मनोनीत सदस्य सोनल मानसिंह (Sonal Mansingh) ने आपत्ति जताई है। अपनी आपत्ति के साथ सोनल सिंह ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन (Breach of Privilege) की कार्रवाई करने के लिए नोटिस दिया है। सूत्रों के मुताबिक सोनल मानसिंह (Sonal Mansingh) ने नोटिस के साथ ही अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के भाषण की सीडी भी सौंपी है। माना जा रहा है कि इन नोटिस को सभापति वेंकैया नायडू विचार के लिए विशेषाधिकार हनन समिति के पास भेज सकते हैं। यदि समिति की जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो विशेषाधिकार हनन समिति दिल्ली विधानसभा को उचित कार्रवाई के लिए कह सकती है। बता दें कि इसको लेकर संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी निर्वाचित सदन के भीतर दिए गए भाषण या किसी काम के खिलाफ सदन के बाहर कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती। लेकिन ऐसे मामले में उसी निर्वाचित सदन को कार्रवाई के लिए जरूर कहा जा सकता है।

Arvind Kejriwal Delhi

सोनल मानसिंह (Sonal Mansingh) ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आरोप लगाया कि ऐसा पहली बार हुआ कि किसी बिल को पास करने के लिए किसी भी प्रकार का मतदान नहीं हुआ। केजरीवाल ने कहा कि बिना किसी मतदान के राज्यसभा में तीनों बिल पास कर दिए गए। सोनल मानसिंह का कहना है कि जबकि असल में राज्यसभा में तीनों बिल को ध्वनिमत से पास किया गया था और ऐसा किए जाने की पुरानी परंपरा रही है।

Rajya Sabha

बताते चलें कि अरविंद केजरीवाल ने 17 दिसंबर को दिल्ली विधानसभा में तीनों कृषि सुधार कानून की प्रतियों को किसान विरोधी बताते हुए फाड़ दिया था। इसके साथ ही केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की थी।