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Congress President: बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के नाम है ये रिकॉर्ड, जानिए नेहरू-गांधी परिवार से कब और किसने संभाली पार्टी की कमान

नए कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कयास लग रहे हैं। इस पद के लिए चुनावी मैदान में पार्टी के राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा सांसद शशि थरूर हैं। 22 साल बाद कांग्रेस को गैर नेहरू-गांधी परिवार का अध्यक्ष मिलने जा रहा है। इस पार्टी का इतिहास 137 साल पुराना है। इन 137 साल में से सबसे ज्यादा नेहरू-गांधी परिवार ही कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहा है।

नई दिल्ली। नए कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कयास लग रहे हैं। इस पद के लिए चुनावी मैदान में पार्टी के राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा सांसद शशि थरूर हैं। 22 साल बाद कांग्रेस को गैर नेहरू-गांधी परिवार का अध्यक्ष मिलने जा रहा है। इस पार्टी का इतिहास 137 साल पुराना है। इन 137 साल में से सबसे ज्यादा नेहरू-गांधी परिवार ही कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहा है। इस परिवार के सदस्यों ने 50 साल से भी ज्यादा वक्त तक कांग्रेस की कमान संभाली है। इनमें से सबसे लंबा कार्यकाल सोनिया गांधी का है। जबकि, नंबर दो की जगह पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू का नाम है।

jawahar lal and motilal nehru
जवाहरलाल नेहरू और मोतीलाल नेहरू (सबसे दाएं)

सोनिया गांधी की बात करें, तो वो 1998 से 2017 तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। इसके बाद 19 महीने राहुल गांधी ने कमान संभाली। राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पद छोड़ा था। तबसे सोनिया कार्यकारी अध्यक्ष हैं। गांधी परिवार के अन्य सदस्यों की बात करें, तो मोतीलाल नेहरू 1919 और 1928 में कांग्रेस की अध्यक्षता की थी। उनके बेटे जवाहरलाल 1929, 1930, 1935 से 1938 और फिर 1951 से 1955 तक कांग्रेस अध्यक्ष थे। जवाहरलाल की बेटी इंदिरा गांधी ने 1959 और 1978 से 1984 तक कांग्रेस की कमान संभाली। उनके बाद राजीव गांधी 1984 से 1991 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे थे।

indira and rajiv gandhi
कांग्रेस अधिवेशन में इंदिरा के साथ राजीव गांधी

कांग्रेस पार्टी में नेहरू-गांधी खानदान का जुड़ाव साल 1919 में हुआ था। इसी साल मोतीलाल नेहरू कांग्रेस अध्यक्ष बन गए थे। वैसे, कांग्रेस की बात करें, तो उसकी स्थापना 1885 में एलन ऑक्टोवियन ह्यूम ने की थी। अब तक कांग्रेस के 88 अध्यक्ष बने हैं। अब पार्टी अपना 89वां अध्यक्ष चुनने जा रही है। माना जा रहा है कि नेहरू-गांधी परिवार का करीबी होने के नाते मल्लिकार्जुन खड़गे इस रेस में आगे हैं, लेकिन शशि थरूर भी पूरा दमखम लगाकर चुनाव लड़ रहे हैं। थरूर का मानना है कि युवाओं को आगे लाकर पार्टी का उद्धार किया जा सकता है। वहीं, खड़गे की राय है कि पार्टी को पुराने तरीके से चलाने में बीजेपी के खिलाफ सफलता मिलने की उम्मीद है।

kharge and tharoor