नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश अब विधानसभा चुनाव के बाद विधानपरिषद चुनाव में अपनी भागीदारी निभाने के लिए खुद को तैयार कर चुका है। विधानसभा चुनाव के बाद अब सूबे के मुख्तलिफ सियासी दलों के सूरमा आगामी विधानपरिषद चुनाव के लिए अपनी कमर कस चुके हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी की तरफ से आगामी विधानपरिषद चुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी की गई है। बता दें कि इस सूची में 36 उम्मीदवारों के नाम दर्ज हैं। बता दें कि आगामी 9 अप्रैल को 36 सीटों पर विधानपरिषद के चुनाव होने जा रहे हैं। वहीं, 21 मार्च को नामांकन की आखिरी तारीख निर्धारित की गई है। बहरहाल, अब ऐसे में सूबे के सियासी आलीमों के जेहन में इसे बात को जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच चुकी है कि क्या विधानसभा चुनाव के उपरांत विधानसभा परिषद चुनाव में भी बीजेपी अपना कमाल दिखा पाने में कामयाब रह पाती है।
खैर, यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन हालिया विधानसभा चुनाव में जिस तरह बीजेपी ने अपनी जीत का पताका पहराया है, उसे देखते हुए तो फिलहाल यही माना जा रहा है कि आगामी विधानपरिषद चुनाव में भी बीजेपी का कमल ही खिलने जा रहा है। खैर, ये बातें तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में ही छुपी हुई है, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि विधानपरिषद की कुल 36 सीटों पर काबिज लोगों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। वहीं, इस समय परिषद में भाजपा के 35, सपा के 17, बसपा के 4, अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और कांग्रेस का एक-एक सदस्य हैं।
बहरहाल, आने वाले नतीजे तय कर देंगे कि आगामी चुनाव में किस सियासी दल की क्या स्थिति होने जा रही है। बता दें कि हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी 250 से भी ज्यादा सीटों पर अपने नाम का विजयी पताका फहराने में सफल रही थी। उधर, अगर सपा की स्थिति की बात करें, तो तमाम कोशिशों के बावजूद भी पार्टी के हाथ कोई कामयाबी नहीं मिल पाई है, लेकिन हां…पार्टी के वोट शेयर में जरूर इजाफा हुआ था, जिसके लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनावी नतीजों के उपरांत सूबे की जनता का धन्यवाद भी किया था।