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Emir Of Qatar And PM Modi: भारत के पूर्व नौसैनिकों की कतर से रिहाई में पीएम मोदी की एक मीटिंग की अहम भूमिका, जानिए किससे की थी मुलाकात

Emir Of Qatar And PM Modi: रिहा होने वाले लोगों के नाम कैप्टन नवतेज गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, वीके वर्मा, सुगुनाकर पकाला और नाविक रागेश हैं। अगस्त 2022 में इन सभी को जासूसी के आरोप में कतर में गिरफ्तार किया गया था।

नई दिल्ली। कतर में जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाने वाले भारत के 8 पूर्व नौसैनिक रिहा हो गए। 7 पूर्व नौसैनिक दिल्ली पहुंचे, तो उन्होंने भारत माता की जय के नारे लगाए। नौसेना के इन पूर्व अधिकारियों ने मीडिया से बात की और अपनी रिहाई के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया। रिहा हुए भारतीयों ने कहा कि अगर पीएम मोदी निजी तौर पर कोशिश न करते, तो शायद वो आज का दिन नहीं देख पाते। कतर की जेल में 18 महीने की कैद के बाद ये सभी पूर्व नौसैनिक लौटे हैं। इन सभी की रिहाई के कयास दिसंबर 2023 से ही लगने लगे थे, जब पीएम मोदी ने अपने एक विदेश दौरे में इस दिशा में कदम बढ़ाने का संकेत दिया था।

दरअसल, मोदी दिसंबर में दुबई गए थे। वहां COP28 सम्मेलन हो रहा था। इसी सम्मेलन में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी भी आए थे। सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने कतर के अमीर से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की तस्वीर भी आई थी। जिसमें वे मुस्कुरा रहे थे और एक-दूसरे का हाथ पकड़े हुए थे। ये मुलाकात 1 दिसंबर 2023 को हुई थी। कतर के अमीर शेख तमीम से मोदी की इसी मुलाकात के बाद भारत की तरफ से की गई अपील पर कोर्ट ने 28 दिसंबर को नौसैनिकों की मौत की सजा को कैद में बदल दिया था। सभी को 3 साल से लेकर 25 साल कैद की सजा तब कतर के कोर्ट ने सुनाई थी। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इस मामले में कहा कि पीएम मोदी के हस्तक्षेप के कारण सभी रिहा हुए हैं। उन्होंने कतर के अमीर को भी धन्यवाद दिया है।

रिहा होने वाले लोगों के नाम कैप्टन नवतेज गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, वीके वर्मा, सुगुनाकर पकाला और नाविक रागेश हैं। अगस्त 2022 में इन सभी को जासूसी के आरोप में कतर में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अक्टूबर 2023 में सभी को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुना दी थी। भारत ने इस सजा पर हैरत जताई थी और सभी को कानूनी मदद भी उपलब्ध कराई। जिसके बाद अब ये सभी रिहा हो गए हैं। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है और कतर से रिश्ते भी अच्छे होने की संभावना है।