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मध्य प्रदेश में कोरोना की रफ्तार पहले के मुकाबले हुई कुछ धीमी, हर किसी को राहत

Madhya Pradesh Corona: बीते दो-तीन दिनों मे जो कोरेाना मरीजों के आंकड़े आ रहे हैं वे यह बताते हैं कि राज्य में नए संक्रमित मरीजों की तुलना में स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है।

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना की रफ्तार पहले के मुकाबल कुछ धीमी पड़ गई है, इससे हर किसी को राहत है। अस्पतालों में भी मरीजों के लिए बिस्तर खाली हो चले हैं, ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ी है तो रेमडेसीविर इंजेक्शन भी मौजूद हैं। कुल मिलाकर आफत अब राहत में बदल चली है। बीते दो-तीन दिनों मे जो कोरेाना मरीजों के आंकड़े आ रहे हैं वे यह बताते हैं कि राज्य में नए संक्रमित मरीजों की तुलना में स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है। यही कारण है कि अधिकांश जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से कम रह गई है तथा नए प्रकरण भी लगातार कम होते जा रहे हैं। प्रदेश में बुधवार को कोरोना के 5065 नए प्रकरण आए हैं, वहीं 10337 मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव प्रकरणों की संख्या 77 हजार 607 है। प्रदेश की कोरोना ग्रोथ रेट 0.9 प्रतिशत, सात दिन की पॉजिटिविटी 10 प्रतिशत तक है।

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प्रदेश के तीन जिलों में 200 से अधिक नए प्रकरण तथा नौ जिलों में 100 से अधिक नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 1153, भोपाल में 653, जबलपुर में 324, सागर में 198, रीवा में 175, रतलाम में 160, उज्जैन में 151, सिंगरौली में 115 तथा ग्वालियर जिले में 105 नए प्रकरण आए हैं। प्रदेश में कोविड के 21 हजार 495 मरीजों का निशुल्क इलाज किया जा रहा है। इनमें से 13 हजार 785 का शासकीय अस्पतालों में, 2307 का अनुबंधित अस्पतालों में तथा 5403 मरीजों का मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के अंतर्गत सम्बद्ध निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

एक तरफ जहां मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के प्रयास जारी हैं, तो दूसरी ओर कोविड संेटर और होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए प्रदेश में ‘रोग से निरोग’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसी के अंतर्गत आगामी 21 मई को श्री श्री रविशंकर एवं स्वामी रामदेव होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर्स आदि में रह रहे कोरोना मरीजों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे। सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 6.3 प्रतिशत तथा नगरीय क्षेत्रों में 8.9 प्रतिशत पॉजिटिविटी पाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक 4 करोड़ 66 लाख 75 हजार 273 व्यक्तियों (74 प्रतिशत जनसंख्या) का घर-घर सर्वेक्षण किया जा चुका है। राज्य में कोरोना मरीजों के लिए जीवन रक्षक माने गए रेमडेसीविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कालाबाजारी की भी शिकायतें आ रही हैं। कई आरेापियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई भी की गई है।

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कांग्रेस ने कालाबाजारी में भाजपा के लोगों के शामिल होने पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का कहना है कि मध्यप्रदेश में इस कोरोना महामारी में एक तरफ जीवन रक्षक दवाइयों, इंजेक्शनों, उपकरणों के अभाव में कई लोगों की जाने जा रही हैं, इसके लिये लोग आज भी दर- दर भटक रहे हैं, वही दूसरी तरफ आपदा की इस घड़ी में प्रदेश भर में भाजपा व उसके नेताओं से जुड़े हुए लोगों के नाम निरंतर इसकी कालाबाजारी में, नकली इंजेक्शन सप्लाई में प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। कमल नाथ ने सरकार से मांग की है कि कालाबाजारी के सभी मामलों की व इसमें सामने आये रसूखदार ,सत्ताधारी जिम्मेदार लोगों की संलिप्तता की उच्चस्तरीय जांच की घोषणा करें।