नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों को इस कड़ाके की ठंढ में भी किसान घेरकर बैठे हैं। केंद्र सरकार और किसानों के बीच 9 दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। 55 दिन से चले आ रहे किसान आंदोलन में अब धीरे-धीरे फूट देखने को मिल रही है। किसान संगठन के नेता लगातार इस बात का जिक्र करते रहे हैं कि किसानों के इस आंदोलन को राजनीतिक रंग नहीं दिया जा सकता और साथ ही किसी भी राजनीतिक दल के नेता को इस आंदोलन में मंच साझा करने की इजाजत नहीं है। ऐसे में अब जो हो रहा है वह किसानों की चिंता बढ़ानेवाली है। आज संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को बर्खास्त कर दिया गया। चढूनी पर इस बात का इल्जाम लगाया गया कि वह इस पूरे आंदोलन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। इसी के तहत उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
संयुक्त किसान मोर्चा के 7 सदस्यीय कमेटी में गुरनाम सिंह चढूनी भी शामिल थे। जिन्हें कमेटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। गुरनाम सिंह चढूनी ने इस कार्रवाई पर जमकर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कहा कि कुछ लोग उनके बढ़ते कद से ज्यादा असहज महसूस करते हैं। चढूनी की तरफ से ये भी कहा गया कि इसी को देखते हुए उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की गई है। चढूनी ने कहा कि ये पूरी संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आरोप नहीं है यह केवल शिवकुमार सिंह कक्का के आरोप हैं जो खुद आरएसएस के एजेंट हैं। वही फूट डालो राज करो की राजनीति कर रहे हैं।
We will issue a notice to the newspaper that published the article, as well as Kakka. He should have provided some evidence. These are tricks of the government trying to break the protest and they won’t be successful: Bharatiya Kisan Union Chief Gurnam Singh Chaduni https://t.co/5pvjl72OKg
— ANI (@ANI) January 18, 2021
चढ़ूनी पर 10 करोड़ रुपए लेकर हरियाणा में सरकार गिराने की कोशिश के भी आरोप लगाए गए हैं। इसके साथ ही यह भी आरोप है कि वह कांग्रेस और आप के नेताओं से जाकर मिले। वहीं किसान नेता शिवकुमार कक्का के मुताबिक गुरनाम सिंह चन्नी पिछले कुछ दिनों से विपक्षी पार्टियों से दिल्ली के मावलंकर हॉल में मुलाकात कर रहे थे और उनकी बैठकों में शामिल हो रहे थे। वहीं, किसान मोर्चे की बैठक से नदारद रह रहे थे।
We will issue a notice to the newspaper that published the article, as well as Kakka. He should have provided some evidence. These are tricks of the government trying to break the protest and they won’t be successful: Bharatiya Kisan Union Chief Gurnam Singh Chaduni https://t.co/5pvjl72OKg
— ANI (@ANI) January 18, 2021
वहीं कृषि कानून के विरोध में चल रहे इस किसान आंदोलन अब फूट पड़ती नजर आ रही है। ऐसे में आज के इस घटनाक्रम के बाद अब किसानों के बीच कलह खुलकर सामने आ रही है।