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Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने की जद्दोजहद जारी, पीएम मोदी ने फिर लिया जायजा, बचाव ऑपरेशन का ताजा अपडेट जानिए

सिलक्यारा सुरंग के दूसरी तरफ बड़कोट से भी मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश जारी है। बड़कोट की तरफ से सुरंग को काटने का काम सोमवार से शुरू हुआ था। पहले यहां डायनामाइट लगाकर विस्फोट किया गया और फिर मशीनों से कटाई का काम जारी है। आज सुबह तक करीब 8 मीटर सुरंग बड़कोट के रास्ते खोदी जा चुकी थी।

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर से फंसे 8 राज्यों के 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने के लिए आज 11वें दिन भी जद्दोजहद जारी है। इस जद्दोजहद के बीच पीएम नरेंद्र मोदी लगातार मजदूरों के बचाव ऑपरेशन पर नजर रखे हुए हैं। पीएम मोदी ने आज एक बार फिर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोन कर मजदूरों को बचाने के काम की प्रगति की जानकारी ली है। सीएम धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ये जानकारी दी है। मोदी इससे पहले 4 बार धामी को फोन कर बचाव कार्य के बारे में जानकारी ले चुके हैं।

उधर, सिलक्यारा सुरंग तक एक नई मशीन भी आखिरकार पहुंच गई। ये मशीन रास्ता खराब होने की वजह से मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग तक पहुंच नहीं सकी थी। जरूरी मशीनों को मजदूरों के बचाव के लिए पहुंचाने के वास्ते बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने भी मोर्चा खोला है। उसने सुरंग तक पहुंचने वाले रास्तों को ठीक किया है। इससे अब भारी मशीनें भी मौके पर पहुंच जाएंगी।

सिलक्यारा सुरंग में 60 मीटर मलबे के पीछे फंसे मजदूरों को निकालने के लिए ऊपर से भी डेढ़ फिट चौड़ा रास्ता बनाने की कोशिश हो रही है। इस रास्ते को काटने के लिए सिलक्यारा सुरंग के ऊपर जगह भी चिन्हित कर ली गई है। सुरंग को ऊपर काटने के लिए विशेष मशीन भी मौके पर पहुंच गई है। इस जगह से रास्ता बनाने का सुझाव रेलवे के इंजीनियरों और विदेशी राहत विशेषज्ञों ने दिया था।

सिलक्यारा सुरंग के दूसरी तरफ बड़कोट से भी मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश जारी है। बड़कोट की तरफ से सुरंग को काटने का काम सोमवार से शुरू हुआ था। पहले यहां डायनामाइट लगाकर विस्फोट किया गया और फिर मशीनों से कटाई का काम जारी है। आज सुबह तक करीब 8 मीटर सुरंग बड़कोट के रास्ते खोदी जा चुकी थी। बड़कोट के रास्ते मजदूरों तक पहुंचने के लिए 400 मीटर से ज्यादा खोदाई करनी पड़ेगी। वहीं, मजदूरों के पास सुरंग के अंदर 2 किलोमीटर की सुरक्षित जगह है। उनको 6 इंच के पाइपलाइन के जरिए भोजन, दवा और जरूरी चीजें दी जा रही हैं। पहले करीब 24 मीटर तक 900 मिलीमीटर की पाइप बिछाने में सफलता मिली थी। फिर चट्टान सामने आने से इस पाइप को बिछाने का काम रुक गया। अब इसी पाइप के भीतर 800 मिलीमीटर की पाइप मजदूरों तक पहुंचाने का काम चल रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक करीब 42 मीटर तक पाइप मलबे को काटकर आगे पहुंचाया जा चुका है। ऐसे में अगले 48 घंटे के भीतर मजदूरों के बचाव की अच्छी खबर मिलने के आसार दिखने लगे हैं।