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Students Are Getting Disillusioned With Kota : कोचिंग नगरी कोटा से स्टूडेंट्स का हो रहा मोहभंग, सांसद ओम बिरला, कलेक्टर और एसपी को पैरेंट्स से करनी पड़ी अपील

Students Are Getting Disillusioned With Kota : देश भर के तमाम बच्चे आईआईटी और नीट की कोचिंग के लिए कोटा आते हैं मगर पिछले कुछ समय से यहां के कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में छात्रों की संख्या में लगातार कमी आई है। यहां तक कि शहर भर में जगह-जगह खुले हॉस्टल खाली हो गए हैं और बिल्डिंगों के बाहर टू लेट के बोर्ड टंगे हैं।

नई दिल्ली। कोचिंग नगरी के नाम से विख्यात राजस्थान के कोटा शहर से अब स्टूडेंट्स का मोहभंग हो रहा है। देश भर के तमाम बच्चे यहां आईआईटी और नीट की कोचिंग के लिए आते हैं मगर पिछले कुछ समय से यहां के कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में छात्रों की संख्या में लगातार कमी आई है। यहां तक कि शहर भर में जगह-जगह खुले हॉस्टल खाली हो गए हैं और बिल्डिंगों के बाहर टू लेट के बोर्ड टंगे हैं। आलम यह है कि कोटा सांसद ओम बिरला के साथ डीएम और एसपी को भी देशवासियों से अपील करनी पड़ी कि वो अपने बच्चों को कोटा पढ़ने के लिए भेजें।

आपको बता दें कि कोटा में पढ़ने वाले कई स्टूडेंट्स के पढ़ाई के दबाव में सुसाइड किए जाने के बाद अब वहां हालात बदल गए हैं। लोग अपने बच्चों को कोटा भेजने से कतराने लगे हैं। इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कुछ गलत अफवाहों की वजह से कोटा का वातावरण खराब हुआ। मेरा मानना है कि कोटा में हर बेटे और बेटी की वहां का प्रत्येक परिवार अपने बच्चों की तरह परवरिश करता है। इसलिए मेरा देशवासियों से आह्वान है कि यहां पर अपने बेटे-बेटियों को भेजे। कोटा में अच्छे संस्कार के साथ अच्छी शिक्षा भी मिलेगी।

इससे पहले कोटा के कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी और एसपी सिटी डॉ अमृता दुहन ने पेरेंट्स से अपने बच्चों पढ़ने के लिए कोटा भेजने की अपील की थी। एसपी ने स्टूडेंट्स की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों को आश्वस्त किया था। वहीं कलेक्टर ने अभिभावकों के नाम एक पत्र लिखा था। इस पत्र में कलेक्टर ने अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि कोटा का प्रत्येक नागरिक यहां आकर शिक्षा ग्रहण करने वाले हर स्टूडेंट की अपने बच्चे की तरह देखभाल करने के लिए संकल्पित है। डिनर विद कलक्टर जैसे कार्यक्रम के माध्यम से कोचिंग स्टूडेंट्स के साथ बातचीत कर उनका मनोबल बढ़ाने का काम किया जा रहा है।