नई दिल्ली। एक तरफ जहां पूरी दुनिया में भारत में हुई जी-20 बैठक की तारीफ हो रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में इसे लेकर खलबली का आलम कुछ ऐसा है कि वो भारत को सबक सिखाने के मकसद से आतंक के रास्ते का चयन कर चुका है। इसी कड़ी में पाकिस्तान की ओर से दो बार जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला किया जा चुका है। बीते दिनों जहां राजौरी में सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें कई जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। वहीं, बीते बुधवार को अनंतनाग में तलाशी अभियान के दौरान सेना और आतंकवादियों के बीच हुए एनकाउंटर में दो जवान सहित एक डीएसपी वीरगति को प्राप्त हो गए, जिस पर अब राजनीति शुरू हो चुकी है।
उधर, केंद्र की ओर से इस हमले का माकूल जवाब दिए जाने की बात कही जा रही है। वहीं, फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक विवाद का समाधान तलाशने के लिए वार्ता का रास्ता अख्तियार नहीं किया जाएगा। तब तक ऐसा ही होता रहेगा। बता दें कि हमले की जिम्मेदारी लश्कर ए तैयबा ने ली है। इस आतंकी संगठन ने बाकायदा बयान जारी कर कहा कि कमांडर रियाज अहमद की मौत का बदला लेने के लिए भारत के खिलाफ आतंक का रास्ता चयन किया गया है।
वहीं, अब इस आतंकी गतिविधि को लेकर पाकिस्तान का कनेक्शन भी सामने आया है। जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में जी-20 के सफलतापूर्वक संपन्न होने से इस कदर चिढ़ गया कि उसने भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रची। जिसके तहत अनंतनाग और राजौरी में आतंकी हमले किए गए। बता दें कि इन दोनों ही हमलों में भारतीय सेना के कई जवान शहीद हो गए।
ध्यान दें, अनंतनाग में हुए हमले में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धानौत और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए हैं। वहीं, अब इस हमले के बाद राजनीति तेज हो चुकी है। विपक्ष इस हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। गौरतलब है कि बीते दिनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दो दिनी बैठक हुई थी। जिसमें शिरकत करने के लिए दुनियाभर के नेता शामिल हुए थे। इस बीच कई समझौते हुए, जिन्हें अब जमीन पर उतारने की कवायद शुरू हो चुकी है।