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सुदीक्षा भाटी के नाम पर बनेगा प्रेरणा स्थल और लाइब्रेरी, सीएम योगी से परिवार ने की मुलाकात

बता दें कि सुदीक्षा(Sudiksha Bhati) के परिवार को 15 लाख रुपए सरकार की तरफ से मिलेंगे और 5 लाख रुपये सांसद सुरेंद्र नागर(MP Surendra Nagar) की ओर से दिए जाएंगे। परिजनों ने सीएम योगी(CM Yogi) को बताया कि सुदीक्षा बेहद मेधावी थी और अभावों के बीच भी पढ़ने के प्रति लगनशील थी।

नई दिल्ली। बुलंदशहर में सड़क हादसे में सुदीक्षा भाटी के निधन के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुदीक्षा के नाम पर प्रेरणा स्थल और लाइब्रेरी बनाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि रविवार को सुदीक्षा के घरवालों ने सीएम योगी से मुलाकात की। इस दौरान सीएम योगी ने सुदीक्षा के बारे में उनके परिवार से जाना। गौरतलब है कि प्रेरणा स्थल और लाइब्रेरी बनने के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिजनों को 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद का भी ऐलान किया है।

बता दें कि अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में पढ़ने वाली सुदीक्षा की 10 अगस्त को बुलंदशहर के औरंगाबाद में बाइक से गिरकर मौत हो गई थी। मनचलों की हरकत से सुदीक्षा की मौत के आरोप के बाद इस घटना ने तूल पकड़ा था। हालांकि बुलंदशहर पुलिस प्रशासन ने छेड़छाड़ की घटना से इनकार किया था।

Sudiksha Bhati

गौरतलब है कि लखनऊ में हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान परिजनों के साथ दादरी के विधायक तेजपाल नागर और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिजनों से बातचीत में सुदीक्षा के बारे में, परिवार के कामकाज के बारे में जानकारी ली। सीएम योगी ने परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया और उन्हें सांत्वना देते हुए सुदीक्षा के निधन को देश और समाज की अपूरणीय क्षति बताया।
सुदीक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि वह देश की बेटी थी, समाज की बेटी थी। बिटिया के जाने का दुख सबको है पर हिम्मत से काम लें। हम सब साथ हैं। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि सुदीक्षा के नाम पर प्रेरणा स्थल और लाइब्रेरी बनाई जाएगी ताकि क्षेत्र के बच्चों को आगे बढ़ने और पढ़ने की प्रेरणा मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को परिवार की आर्थिक मदद के भी निर्देश दिए।

Sudiskha bhati CM Yogi

बता दें कि सुदीक्षा के परिवार को 15 लाख रुपए सरकार की तरफ से मिलेंगे और 5 लाख रुपये सांसद सुरेंद्र नागर की ओर से दिए जाएंगे। परिजनों ने सीएम योगी को बताया कि सुदीक्षा बेहद मेधावी थी और अभावों के बीच भी पढ़ने के प्रति लगनशील थी। एक ही कमरे में पूरा परिवार रहता था फिर भी पढ़ाई करती रहती थी। सुदीक्षा की मां और पिता ने मुलाकात के बाद कहा कि मुख्यमंत्री जी ने उनकी बातों को सुना और सुदीक्षा के नाम पर जो कुछ करने के लिए सहमति जताई यह हमारे लिए संतोष का विषय है।