नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण और पटाखों पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध न लागू होने के मामले पर सुप्रीम ने आज फिर नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पटाखों पर प्रतिबंध के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि का समर्थन नहीं करता है जिससे प्रदूषण को बढ़ावा मिले या उससे लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौता करना हो। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों को रिकॉर्ड में दर्ज़ करने के लिए एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया है। इसके लिए 25 नवम्बर तक का समय दिया है।
Air Pollution: Supreme Court directs Delhi Police Commissioner to form a special cell to ensure effective implementation of the ban on firecrackers. Supreme Court says prima facie it is of the view that no religion promotes any activity which promotes pollution or compromises… pic.twitter.com/UMs4sV7zjl
— ANI (@ANI) November 11, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने सभी एनसीआर राज्यों को निर्देश दिया कि वे सामने आएं और प्रदूषण को कम से कम रखने के लिए उनके द्वारा उठाए गए प्रयासों के बारे में अदालत को सूचित करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध सिर्फ दिवाली तक ही सीमित क्यों है और इसमें भी आश्चर्यजनक बात यह है कि इस आदेश को लागू तो कर दिया जाता है मगर इसका प्रभावी रूप से पालन नहीं कराया जाता। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि दशहरे के दो दिन बाद 14 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध का निर्देश जारी किया, लेकिन इसे पहले भी किया जा सकता था, आप इतने गंभीर मुद्दे पर पहले से सचेत क्यों नहीं हैं? हर साल दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो जाता है, बावजूद इसके पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर गंभीरता नहीं दिखती। इससे पहले भी केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस को फटकार लगाई थी।