नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध को आज आठ दिन हो गए है। रूसी सेना अक्रामक रुख अपनाते हुए यूक्रेन पर लगातार बम बरसा रहा है और राजधानी कीव, खारकीव समेत कई इलाकों में कब्जा जमाने के लिए पूरा दमखम दिखा रहा है। वहीं रूस-यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के चलते कई भारतीय नागरिक वहां पर फंसे हुए। उनकी सुरक्षा को लेकर पूरा देश चिंतित है ऐसे में यूक्रेन में फंसे लोगों को भारत वापिस लाने के लिए मोदी सरकार मुस्तैदी से काम कर रही है। भारत सरकार वहां से देश को सुरक्षित लाने के लिए लगातार ‘ऑपरेशन गंगा’ भी चला रही है। ऐसे में एक वकील ने इसी मसले पर चिंता जताते हुए यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का मामला सुप्रीम कोर्ट में रखा। साथ ही वकील ने कोर्ट से जल्द से जल्द भारतीय छात्रों को भारत लाने की मांग की।
वहीं इस याचिका पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमना ने जवाब देते हुए कहा, हमें छात्रों से सहानुभूति है लेकिन कोर्ट इसमें कुछ नहीं कर सकता। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि हम पुतिन को युद्ध रोकने का निर्देश नहीं दे सकते हैं। यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। भारत सरकार जरूरी कदम उठा रही है। हम एटॉर्नी जनरल से पूछेंगे कि इस मामले में और क्या किया जा सकता है?
सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी कि वह सरकार को निर्देश दे कि वह रोमानिया-यूक्रेन बॉर्डर पर फंसे छात्रों को वतन लाने में सहायता करे। इस पर, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से रोमानिया की सीमा के पास यूक्रेन में फंसे कुछ भारतीय छात्रों को निकालने में मदद करने के लिए कहा है।
भारत सरकार ने चला रखा है ऑपरेशन गंगा
बता दें कि, मोदी सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फंसे भारतीयों को सुरक्षित वतन वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया हुआ है। केंद्र सरकार के 4 मंत्री यूक्रेन के आस-पास स्थित देशों में भेजे गए हैं, जहां से वे भारतीयों को सुरक्षित देश भेज रहे हैं।