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Uttarakhand: बीजेपी से गए हरक सिंह की उम्मीदों को कांग्रेस ने दिया झटका, बहू की वजह से फंसा पेच

कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में गए और फिर वहां से कांग्रेस का रुख करने वाले उत्तराखंड के बड़े नेताओं में शुमार हरक सिंह रावत के चुनाव लड़ने पर पेच फंस गया है। कांग्रेस ने उनकी बहू अनुकृति गुसाईं को टिकट दे दिया, लेकिन बहू को मिला यही टिकट अब हरक सिंह के गले की फांस भी बन सकता है।

देहरादून। कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में गए और फिर वहां से कांग्रेस का रुख करने वाले उत्तराखंड के बड़े नेताओं में शुमार हरक सिंह रावत के चुनाव लड़ने पर पेच फंस गया है। कांग्रेस ने उनकी बहू अनुकृति गुसाईं को टिकट दे दिया, लेकिन बहू को मिला यही टिकट अब हरक सिंह के गले की फांस भी बन सकता है। कांग्रेस ने पहले 53 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी। कल उसने 11 और उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। दूसरी लिस्ट में अनुकृति का नाम है, लेकिन हरक का नाम न पहली लिस्ट में था और अब न नई लिस्ट में कांग्रेस ने उन्हें जगह दी है।

Harak Singh

दरअसल, हरक के टिकट का पेच कांग्रेस की एक नीति की वजह से फंस गया है। कांग्रेस ने इस बार उत्तराखंड में एक परिवार को एक टिकट की नीति अपनाई है। अब बहू अनुकृति को लैंसडाउन सीट से कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद सबकी नजर इस पर है कि हरक को भी कांग्रेस टिकट देती है या उन्हें झटका लगता है। वैसे, कांग्रेस ने परिवार में एक को टिकट देने के अपने फॉर्मूले में यशपाल आर्य को राहत दी है। यशपाल को बाजपुर और उनके बेटे संजीव को कांग्रेस ने नैनीताल से टिकट दिया है। ऐसे में हरक सिंह भी जरूर इस उम्मीद में होंगे कि आर्य की तरह उनके लिए भी कांग्रेस अपनी नीति में ढील देगी।

उत्तराखंड में कांग्रेस के अभी 6 सीटों पर नामों का एलान होना है। हरक सिंह को इस लिस्ट से उम्मीद होगी, लेकिन ये भी ध्यान रखने वाली बात है कि बीजेपी से विदाई के बाद बड़ी मुश्किल से हरक को कांग्रेस में जगह मिली है। पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज हरीश रावत तो इस पर अड़ गए थे कि हरक ने उनकी सरकार गिराई थी और अपने इस काम के लिए उन्हें पहले माफी मांगनी होगी। ऐसे में हरीश रावत का फैक्टर भी हरक सिंह पर भारी पड़ सकता है। सबकी निगाह ऐसे में कांग्रेस की 6 नाम की लिस्ट पर लगी हुई है। देखना ये है कि हरक को इसमें जगह मिलती है या नहीं।