नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर में जानलेवा प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि पंजाब में पराली का जलाना तुरंत रोका जाए। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पराली जलाना कोई सियासी मुद्दा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण को एक-दूसरे के मत्थे मढ़ने की कोशिश हो रही है और इसे कम करने के लिए कोई साफ दिशानिर्देश ही नहीं दिए जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के मामले को हर कोई आगे बढ़ा देना चाहता है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पराली जलाने पर रोक को लागू कराने का जिम्मा संबंधित थाने के प्रभारी को दिया है। पंजाब में स्थानीय थाना प्रभारी डीजीपी और प्रशासन का साथ लेकर पराली जलाने पर रोक लगाएंगे। कोर्ट के इस सख्त रुख के बाद उम्मीद है कि दिल्ली में प्रदूषण दूर करने के लिए संबंधित सरकारें ठोस कदम उठाएंगी। दिल्ली में पिछले काफी दिनों से जबरदस्त प्रदूषण है। हर तरफ धुंध का डेरा है। दिन में भी रात जैसा माहौल लग रहा है।
दिल्ली में प्रदूषण कितना खतरनाक है, ये इसी से पता चलता है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई लगातार 400 से ऊपर है। एक्यूआई तो रविवार की रात दिल्ली के एक इलाके में 999 पर दर्ज किया जा चुका है। दिल्ली की सरकार और केंद्र ने कुछ कदम उठाए हैं। इनमें ग्रैप-4 को भी लागू कर गाड़ियों के चलने और निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है। फिर भी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली के पर्यावरण मंंत्री गोपाल राय ने इससे पहले ये मानने से इनकार कर दिया था कि पंजाब में लगातार जलाई जा रही पराली से दिल्ली और एनसीआर में इतना प्रदूषण हो रहा है। गोपाल राय का कहना था कि हरियाणा और पश्चिमी यूपी में किसान जो पराली जला रहे हैं, उसका धुआं दिल्ली और एनसीआर में छाया है।
अब सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पराली जलाने पर तत्काल रोक के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इससे साफ है कि कोर्ट ये मान रहा है कि पंजाब में जलाई जा रही पराली से ही दिल्ली और एनसीआर में लगातार प्रदूषण हो रहा है। इससे पहले हरियाणा सरकार ने कहा था कि उसके राज्य में कम ही पराली जल रही है। पराली जलाए जाने के मुद्दे पर दिल्ली और हरियाणा सरकार के मंत्रियों के बीच बयानों की खूब जंग भी हुई। अब सबकी नजर इस पर है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार पराली जलाने पर पूरी तरह रोक लगा पाती है या नहीं। इसकी वजह ये है कि बीते दिनों जब एक सरकारी अफसर पंजाब के एक गांव में पहुंचा और पराली जलाने से किसानों को रोकने की कोशिश की, तो किसानों ने ही उस अफसर को बंधक जैसा बनाकर उसके हाथों से ही पराली जलवा दी थी। उस मामले में पंजाब पुलिस ने केस भी दर्ज किया है।