
नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में ये सुनवाई ज्ञानवापी मस्जिद के व्यासजी के तहखाने मामले में होगी। दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद की देखभाल करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। मस्जिद कमेटी ने अर्जी दी है कि व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ बंद कराई जाए। इसी मसले पर देश की सबसे बड़ी अदालत को फैसला लेना है कि ज्ञानवापी मस्जिद में व्यासजी के तहखाने में पूजा जारी रहे या नहीं।

दरअसल, व्यासजी के परिवार का दावा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के बेसमेंट में उनके पास तहखाना था और उसमें पूजा होती रही थी। व्यासजी के परिवार के मुताबिक 1993 में जब ज्ञानवापी मस्जिद को तीन तरफ से बाड़बंदी कर घेर दिया गया, तो तहखाने में पूजा बंद हो गई। व्यासजी के परिवार ने फिर से पूजा शुरू कराने के लिए वाराणसी के जिला जज के यहां मुकदमा दाखिल कर रखा था। वाराणसी के जिला जज रहे डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने रिटायर होने से पहले फैसला दिया था कि व्यासजी के तहखाने में पूजा शुरू कराई जाए। इसके बाद वाराणसी जिला प्रशासन ने उसी रात से व्यासजी के तहखाने में पूजा की शुरुआत करा दी थी।
ज्ञानवापी मस्जिद संबंधी अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ को मंजूरी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहां भी लंबी सुनवाई के बाद व्यासजी के तहखाने में पूजा की मंजूरी के जिला जज के फैसले को सही ठहराया गया था। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाने में पूजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जिला जज के आदेश के बाद से ही व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ की जा रही है। मस्जिद कमेटी का कहना है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू होने के कारण व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ की मंजूरी देकर मस्जिद का स्वरूप नहीं बदला जा सकता।