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Maharashtra: सुप्रिया सुले या अजीत पवार? शरद पवार के बाद किसे मिलेगी NCP की कमान

Maharashtra: सबसे पहले बात अजीत पवार की कर लेते हैं। अजीत के बारे में आप यह जान लीजिए कि एनसीपी का एक वर्ग उन्हें संदिग्ध नजरों से देखता है। इसकी प्रमुख वजह 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाना है। उस वक्त अजीत ने बीजेपी के साथ सरकार बनाकर जहां डिप्टी सीएम की कमान अपने हाथों में संभाल ली थी, तो वहीं देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री की।

नई दिल्ली। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र में शुरू हुआ सियासी भूचाल का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह सिलसिला कब तक चलेगा। यह फिलहाल कह पाना मुश्किल है, लेकिन आपको बता दें कि शरद पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी की कमान किसे मिलेगी? इसे लेकर महाराष्ट्र में सियासी चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। कुछ अजीत पवार के नाम की पैरोकारी कर रहे हैं, तो कुछ सुप्रिया सुले के नाम की। अब ऐसे में शरद पवार किसे अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। आइए, जरा दोनों नाम पर गहन विश्लेषण करते हैं और यह जानने की कोशिश करते हैं कि दोनों में किसकी दावेदारी प्रबल नजर आ रही है ।

अजीत पवार

सबसे पहले बात अजीत पवार की कर लेते हैं। अजीत के बारे में आप यह जान लीजिए कि एनसीपी का एक वर्ग उन्हें संदिग्ध नजरों से देखता है। इसकी प्रमुख वजह 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाना है। उस वक्त अजीत ने बीजेपी के साथ सरकार बनाकर जहां डिप्टी सीएम की कमान अपने हाथों में संभाल ली थी, तो वहीं देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री की। हालांकि, बाद में जब शरद पवार ने मामले में हस्तक्षेप किया था, तो अजीत ने अपनी गलती स्वीकारी और बीजेपी से अपना समर्थन वापस लिया और इसके बाद प्रदेश में महाविकास अघाड़ी की सरकार अस्तित्व में आई थी, लेकिन इस कृत्य के बाद अजीत की विश्वसनीयता को हमेशा से संदेह की दृष्टि से देखा जाने लगा।

वहीं, अब जब पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, तो अजीत उसका समर्थन कर रहे हैं। अजीत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि शरद पवार ने अपनी बढ़ती उम्र को ध्यान में रखते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। वहीं, अजीत लगातार शरद पवार के इस्तीफे का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन एनसीपी कार्यकर्ता लगातार शरद पवार से इस्तीफा वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने अपने इस फैसले पर विचार करने के लिए दो-तीन दिन का समय मांगा है। अब ऐसे में वे आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाते हैं। यह देखना होगा। वहीं, अगर शरद पवार के उत्तराधिकारी की बात करें, तो उपरोक्त प्रसंगों को ध्यान में रखते हुए अजीत पवार की संभावना कम ही नजर आती है।

सुप्रिया सुले

अब बात करते हैं इस रेस में अजीत से थोड़ा आगे चल रही सुप्रीया सुले की। बहुत मुमकिन है कि पवार के बाद पार्टी का एक बड़ा धड़ा सुप्रीया सुले की नाम की पैरोकारी एनसीपी प्रमुख के रूप में कर सकता है, क्योंकि अजीत पवार तो बीजेपी के प्रति अपने झुकाव को लेकर अपनी विश्वनीयता एनसीपी कार्यकर्याओं के बीच खो चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर शरद पवार अपने फैसले पर अडिग रहे, तो बहुत मुमकिन है कि बतौर एनसीपी प्रमुख के रूप में पार्टी सुप्रीया सुले के नाम को ही आगे बढ़ाएगी।

Supriya Sule

हालांकि, आज मीडिया से मुखातिब होने के बीच सुप्रीया ने साफगोई से शरद पवार के इस्तीफे पर अपनी राय जाहिर नहीं की है। अब ऐसे में इस पूरे मसले को लेकर जारी सियासी भूचाल आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।