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UP: ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी के कोर्ट में दाखिल, सीलबंद लिफाफे में हैं रिपोर्ट के इतने पन्ने

सीनियर डिविजन सिविल जज वाराणसी रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट दाखिल हो गई है। ये रिपोर्ट 70 पेज की है और सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई है। इससे पहले हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र ने भी दो पेज की रिपोर्ट सौंपी थी।

वाराणसी। सीनियर डिविजन सिविल जज वाराणसी रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट दाखिल हो गई है। ये रिपोर्ट 70 पेज की है और सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई है। इससे पहले हटाए गए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र ने भी दो पेज की रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में अजय ने बताया था कि ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर हिंदू मंदिर के चिह्न मिले हैं और शृंगार गौरी के मंदिर की चौखट का हिस्सा भी मिला है। अब सिविल जज नई रिपोर्ट को भी देखेंगे और इसके बाद फैसला लेंगे।

Gyanvapi Row...

सिविल जज ने पहले अजय कुमार मिश्र, विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को कोर्ट कमिश्नर बनाकर सर्वे के लिए भेजा था। बाद में कोर्ट ने अजय मिश्र को हटा दिया। अब 70 पेज की रिपोर्ट को विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह ने दाखिल किया है। रिपोर्ट दाखिल करने से पहले ही हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के बीच से शिवलिंग मिला है। इसके दो वीडियो भी सामने आए थे। सर्वे रिपोर्ट अभी बंद लिफाफे में है। इस वजह से कोर्ट की मंजूरी तक पता नहीं चल रहा है कि विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा है।

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उधर, मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने इससे पहले सर्वे पर सवाल उठाए थे। कमेटी के मुताबिक ये 1991 में बने धार्मिक स्थल संबंधी कानून का उल्लंघन है। कमेटी ने इसे रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था। वहां जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने शिवलिंग जैसी आकृति की सुरक्षा के वाराणसी कोर्ट के आदेश को ठीक बताया था। साथ ही निचली अदालत में चल रहे केस पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया था।