newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Demand: स्वामी रामभद्राचार्य की मांग- हिंदुओं की तादाद घट रही; मोदी सरकार लाए समान नागरिक संहिता कानून

हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी केंद्र सरकार से समान नागरिक संहिता बनाने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट इस बारे में पहले कई बार अपनी राय दे चुका है। भारत के संविधान के नीति निर्देशक तत्व में भी कहा गया है कि देश के हर नागरिक के लिए एक समान संहिता बनाई जाएगी।

नई दिल्ली। हिंदू एकता महाकुंभ के अध्यक्ष और पद्म विभूषण सम्मान से नवाजे गए स्वामी रामभद्राचार्य ने बड़ा बयान दिया है। एक टीवी चैनल से बातचीत में रामभद्राचार्य ने कहा कि हर हाल में मोदी सरकार को 2024 से पहले समान नागरिक संहिता संबंधी कानून संसद से पास कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि लव जेहाद और कम बच्चे होने से हिंदुओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है। स्वामी रामभद्राचार्य ने ये भी कहा कि आरएसएस के चीफ मोहन भागवत की मौजूदगी में वो समान नागरिक संहिता की बात रखेंगे और इसके लिए टाइमलाइन तय कराएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि हिंदुओं के यहां एक से दो बच्चे होते हैं। जबकि, दूसरे धर्म यानी इस्लाम को मानने वालों के यहां 25-25 बच्चे पैदा होते हैं। इसी वजह से हिंदुओं की आबादी को बड़ा खतरा है।

बता दें कि हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी केंद्र सरकार से समान नागरिक संहिता बनाने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट इस बारे में पहले कई बार अपनी राय दे चुका है। भारत के संविधान के नीति निर्देशक तत्व में भी कहा गया है कि देश के हर नागरिक के लिए एक समान संहिता बनाई जाएगी। यानी सरकार को एक समान नागरिक संहिता लागू करने का निर्देश संविधान के तहत भी दिया गया है।

बीते दिनों लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी मीटिंग में समान नागरिक संहिता लाने के किसी भी कदम का विरोध किया था। पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि वो किसी भी सूरत में इस कदम को स्वीकार नहीं करेगा। बता दें कि मुसलमानों की शादी और कुछ अन्य मामलों में पर्सनल लॉ बोर्ड के बनाए नियम कायदे लागू होते हैं। अगर समान नागरिक संहिता लागू होगी, तो इसका अधिकार पर्सनल लॉ बोर्ड से छिन जाएगा।