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Delhi: ‘दिल्ली में मंदिर और बौद्ध धार्मिक स्थलों को न तोडा जाए’, सीएम आतिशी ने लिखी एलजी को चिट्ठी, जानिए क्या कहा

Delhi: सीएम आतिशी ने आरोप लगाया कि धार्मिक कमिटी ने बिना मुख्यमंत्री को दिखाए मंदिर तोड़ने की फाइल उपराज्यपाल को भेजी। उन्होंने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए कहा कि ऐसा कदम जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।

नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को चिट्ठी लिखकर राजधानी में मंदिर और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने पर रोक लगाने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने इसे दलित समुदाय की आस्थाओं से जुड़ा मामला बताते हुए धार्मिक स्थलों को बचाने की अपील की है। मुख्यमंत्री आतिशी ने अपनी चिट्ठी में लिखा, “एलजी साहब के आदेश पर मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली में किसी भी मंदिर या धार्मिक स्थल को न तोड़ा जाए। बौद्ध धार्मिक स्थलों से दलितों की आस्था जुड़ी है और किसी भी धार्मिक स्थल को तोड़ने से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं।”

सीएम आतिशी ने आरोप लगाया कि धार्मिक कमिटी ने बिना मुख्यमंत्री को दिखाए मंदिर तोड़ने की फाइल उपराज्यपाल को भेजी। उन्होंने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए कहा कि ऐसा कदम जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।

एलजी ने सीएम आतिशी को लिखी थी चिट्ठी

इस विवाद से पहले उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक बयान पर सीएम आतिशी को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने आतिशी को “अस्थायी मुख्यमंत्री” कहा, जो बेहद आपत्तिजनक है। एलजी सक्सेना ने अपनी चिट्ठी में लिखा, “यह केवल आपका अपमान नहीं था, बल्कि महामहिम राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में मेरा भी अपमान था।”


राजनीतिक माहौल गरमाया

एलजी की चिट्ठी के बाद दिल्ली की राजनीति गरमा गई। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पलटवार करते हुए उपराज्यपाल पर सवाल उठाए। वहीं, बीजेपी भी इस विवाद में कूद पड़ी। दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “एलजी सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल को लेकर जो सवाल उठाए हैं, वे सही हैं। मुख्यमंत्री आतिशी, पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल का बचाव कर रही हैं।”