नई दिल्ली: शाम का पहर था। सभी अपने-अपने कामों में मशगूल थे। किसी ने भी नहीं सोचा था कि अभी तक लोगों की आमद से गुलजार रहने वाली ये गलियां पल भर में ही आतंकियों की गोलियों से दहल उठने वाली है। किसी ने नहीं सोचा था कि कुछ पल में ही घाटी की ये गलियां रक्तरंजित होने वाली हैं, मगर अपने नापाक इरादों को लेकर कश्मीर के लाल चौक पर दस्तक दे चुके आतंकियों ने सोच लिया था कि इन गुलजार गलियों को एक बार फिर वीरान करना है। इन मुस्कुराते चेहरों को फिर से खामोश करना है, लिहाजा इन्हीं नापाक इरादों को जमीन पर उतारने के लिए गोली चलाई और अफसोस इस गोली का शिकार हुए कश्मीरी पंडित माखन लाल बिंदरु। हालांकि, इन्हें बचाने के सारे जतन किए गए, लेकिन चिकित्सकों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया।
अलर्ट मोड पर सुरक्षा
वहीं, लाल चौक पर हई इस फायरिंग के बाद सुरक्षाबल अलर्ट मोड पर आ चुके हैं। तलाशी अभियान को तेज किया जा चुका है। किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि या वस्तु दिखने पर उस पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। पूरे इलाके की घेराबंदी की जा चुकी है। इससे पहले विगत 30 सितंबर को भी आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित को मौत के घाट उतार दिया था। बता दें कि विगत 30 वर्षों से कश्मीर घाटी में पाकिस्तन पोषित आतंकियों के द्वारा कश्मीरी पंडितों का खून बहाया जा रहा है। अतीत के आइने से देखे तो घाटी की स्थिति को इस कदर बदतर कर दिया गया था कि वहां कई कश्मीरी पंडितों को प्रस्थान करने पर मजबूर होना पड़ गया। अब केंद्र सरकार वहां कश्मीरी पंडितों को जब पुन: स्थापित करने की कोशिश कर रही है, तो समय-समय पर आतंकी घाटी में तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की हरकत करते हैं।
आतंकवादियों ने श्रीनगर के इकबाल पार्क के पास बिंदरू मेडिकेट के मालिक माखन लाल पर गोलियां चलाईं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी जारी है: कश्मीर जोन पुलिस
तस्वीरें वर्तमान समय के अनुसार नहीं हैं pic.twitter.com/hdu2Qu0bah— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 5, 2021
इस पूरे काम को अंजाम देने में पाकिस्तान की अहम भूमिका है। पाकिस्तान अपने यहां आतंकियों को पोषित व पल्लवित कर उसका घाटी में तनाव पैदा करने के लिए इस्तेमाल करता है। कई मौकों पर पाकिस्तान के ऊपर उसकी इस हरकत को लेकर वैश्विक दबाव भी डाला गया है , लेकिन बेआबरू को अपनी फितरत बना चुके पाकिस्तान के ऊपर किसी भी प्रकार के दबाव का कोई असर नहीं पड़ रहा है। हालांकि, विगत कुछ माह के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो यह साफ जाहिर करते हैं कि केंद्र सरकार के प्रयासों के नतीजतन आतंकी गतिविधियों में काफी कमी आई है।