कोटा। राजस्थान में विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में कश्मीरी पंडितों के जनवरी 1990 में हुए नरसंहार के ऊपर बनी पिक्चर द कश्मीर फाइल्स जो 11 मार्च को थिएटर में रिलीज़ हुए है को जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है। पहले यह पिक्चर गिनी चुनी स्क्रीन पर दिन में 1-2 शो ही रिलीज़ हो रहे थे, लेकिन पब्लिक के रिस्पांस के आधार पर इसके शो और स्क्रीन को बढ़ाया गया। अब कोटा के 4 थिएटर में यह चल रही है और सभी में लगभग हाउसफुल जा रही है। लेकिन दर्शकों में एक चीज की निराशा के साथ संशय भी है कि “पिक्चर के पोस्टर किसी भी जगह नहीं दिखाई दे रहे है, अमूमन ऐसा पहली बार देखने को मिला कि चलने वाले मूवी के पोस्टर थिएटर में है ही नहीं।”
पीवीआर में फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने गए गिरीश महावर का कहना है कि, “हम अक्सर एंटरटेनमेंट के लिए मूवी देखने आते रहते है और जो भी मूवी देखने आते है उसके पोस्टर के साथ फोटो या सेल्फी लेते है, लेकिन द कश्मीरी फाइल्स को हम एंटरटेनमेंट के लिए नहीं बल्कि कश्मीर में होने वाले नरसंहार कि हकीकत को देखने आये थे, इसलिए ज्यादा उत्सुकता थी, हमने थिएटर में जाते है सेल्फी लेने के लिए मूवी के पोस्टर देखे लेकिन वहां एक भी पोस्टर नहीं मिला। यह पहली बार था जब किसी चलने वाले पिक्चर का पोस्टर नहीं लगा हो। ”
वहीं INOX में परिवार के साथ शनिवार को रात का शो द कश्मीरी फाइल्स देखने जाने वाले संजय सुमन ने इसको साजिश बताया और कहा कि” आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ हुआ की थिएटर में चलने वाले पिक्चर का पोस्टर नहीं हो, यह पिक्चर की पब्लिसिटी को रोकने के लिए किया गया है। लोग पूरे देश में इस मूवी को देखने जा रहे है,उसके साथ सेल्फी ले रहे है, उसको सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगो को मोटीवेट कर रहे है की मूवी को देखने जाओ। इससे मूवी का प्रचार हो रहा है। स्क्रीन के अंदर फोटो ले नहीं सकते, बाहर पोस्टर नहीं है इस वजह से मूवी का प्रचार रोकने का इनका हथकंडा है यह, जबकि दूसरी चलने वाली मूवी के पोस्टर लगे हुए थे, बधाई दो जो की 11 फरवरी को लगी थी उसका पोस्टर अभी तक लगा हुआ है लेकिन द कश्मीर फाइल्स का नहीं।”
वहीं रविवार को सिनेपॉल्स में द कश्मीर फाइल्स देखने गए आनन्द एवं माधवानी ने बताया कि” कश्मीर फाइल्स के साथ-साथ सभी मूवी के पोस्टर भी हटा दिए गए, यह पहली बार है। जब मेने मालूम किया तो थिएटर वालो ने बोला कि मूवी के पोस्टर नहीं आये। मेने उनसे पूछा किसी भी मूवी के नहीं आये तो वो संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। सिनेपॉल्स में कभी भी पोस्टर वाली जगह खाली नहीं होती, वहां कमिंग सून और चलने वाली मूवी के पोस्टर लगे हुए होते है लेकिन इस बार पहली बार ऐसा हुआ कि द कश्मीर फाइल मूवी जब चल रही है तो उसके साथ किसी भी मूवी के पोस्टर नहीं है।”
मालूम हो यह मूवी बड़े ही सवेंदनशील मुद्दे को लेकर बनाई गयी है जिसमे बताया गया है की जनवरी 1990 में कश्मीरी पंडितो को किस तरह से मारा गया,उनको क्यों घाटी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा आदि। इस मूवी की रिलीजिंग को रोकने के लिये भी उच्च न्यायालय तक के दरवाजे खट-खटाये गए लेकिन वहां से भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी, इसके अलावा इस मूवी को पहले ज्यादा स्क्रीन नहीं दी गयी,ज्यादा शो नहीं दिए गए कपिल शर्मा पर भी इस फिल्म की कास्ट को उनके शो में नहीं आने देने का आरोप लगा. लेकिन दर्शकों के जबरदस्त उत्साह ने इस फिल्म को हाउसफुल करवा रखा है, इस फिल्म को जबरदस्त सफलता अभी इन तीन दिनों में मिली है। दर्शकों के इस सवाल का उत्तर फिल्म एक निर्माता को देना होगा की क्या वाकई में मूवी के पोस्टर नहीं भेजे गए है या इसके पीछे कुछ अन्य साजिश है।