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BAPS: तीर्थ धाम बोचासन में 58 सुशिक्षित युवा पार्षदों को मिली भगवती संत दीक्षा, परम पूज्य महंतस्वामी महाराज ने दिया गुरुमंत्र

BAPS: इस दीक्षा महोत्सव में संत दीक्षा लेने वाले पार्षद श्नी निश्चल भगत का पूर्वाश्नम नाम हार्दिकभाईहै, जिन्होंने वल्लभ- विधानगर स्थित बी.वी.एम. से इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ स्रातक होने केबाद, आईआईएम उदेपुर (IIM Udaipur) से एमबीए किया।

• हाल ही में तीर्थधाम बोचासन में baps स्वामिनारायण संस्थान के धर्मगुरु परम पूज्य महंतस्वामी महाराज द्वारा 58 सुशिक्षित युवा-पार्षदों को भागवती संत दीक्षा प्रदान की गई।
• सनातन भारतीय संस्कृति का एक अद्वितीय कार्य सम्पन्न हुआ।
• दीक्षा लेनेवाले युवाओं में 1 पीएचडी, 1 डॉक्टर, 8 पोस्ट ग्रेजुएट, 21 बी.ई. इंजीनियरिंग, 27 अन्य ग्रेजुएट आदि विभिन्न करियरवाले कुल 58 युवकों को संत दीक्षा दी गई।

बी.ए.पी. एस. का वैश्विक कार्य और उज्ज्वल संत परंपरा

दुनिया भर के 55 से अधिक देशों में आध्यात्मिक-सामाजिक सेवाओं द्वारा मानव उत्कर्ष में रत बी.ए.पी.एस. स्वामिनारायण संस्था संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्य समाजसेवी संस्था है। सनातन हिन्दू वैदिक आदर्शों को केंद्र में रखके पवित्र और नैतिक जीवन समाज के लिए कटिबद्ध यह संस्था के 17500 से अधिक सत्संग केंद्रों का विराट विश्वव्यापी आध्यात्मिक परिवार राष्ट्र सेवा और मानव उत्कर्ष की अविरत भागीरथी बहाता है। संस्था के सैंकड़ों संतों और हजारों स्वयंसेवकों का विराट स्वयंसेवक दल नशामुक्ति अभियान, पर्यावरण जतन जैसी अनेक सामाजिक सेवाओं के साथ-साथ भूकंप, अकाल, सुनामी, कोविड महामारी, यूक्रेन रशिया युध्द जैसी अनेक कठिन समस्याओं में संस्था द्वारा मानव सेवा में अग्रेसर रहा है।

संस्था की वैश्विक स्तर पर संस्कृति-रक्षा और मानव सेवा की विशिष्ट ज्योति प्रजवलित करने में संस्था के संतों का अमूल्य योगदान है। अनेक कार्य-कौशलों में निपुण इन संतों बिना एक भी दिन का अवकाश लिए, बिना किसी प्रकार का वेतन लिए अपना समूचा जीवन सत्पुरुष की आज्ञानुसार सेवा और भक्ति में व्यतीत करना आज के समय का एक बड़ा चमत्कार है। सनातन हिन्दू धर्म और उज्ज्वल संत परंपरा के मूल्य आज भी जीवंत हैं, इस बात की प्रतीति यह संतों के जीवन और उनके योगदान से होती है।

दीक्षा महोत्सव में दीक्षा लेनेवाले युवाओं में शैक्षणिक उपलब्धियों की दृष्टि से –

दीक्षा लेनेवाले युवाओं में 1 पीएचडी, 1 डॉक्टर, 8 पोस्ट ग्रेजुएट, 21 बी.ई. इंजीनियरिंग, 27 अन्य ग्रेजुएट आदि विभिन्न करियरवाले कुल 58 युवकों को संत दीक्षा दी गई। यहाँ उल्लेखनीय है, पिछले महीने अमेरिका के रॉबिंसविले में विश्व प्रसिद्ध स्वामिनारायण अक्षरधाम के उद्घाटन के दौरान अमेरिका की धरती पर जन्मे और उच्च करियर वाले 30 युवाओं को दीक्षा दी गई थी। इसके साथ सांप्रत समय में संस्था में 1195 साधु विद्यमान है।

इस दीक्षा महोत्सव में संत दीक्षा लेने वाले पार्षद श्नी निश्चल भगत का पूर्वाश्नम नाम हार्दिकभाई है, जिन्होंने वल्लभ- विधानगर स्थित बी.वी.एम. से इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ स्रातक होने के बाद, आईआईएम उदेपुर (IIM Udaipur) से एमबीए किया। उन्होंने अपनी उच्च वेतनवाली नौकरी छोड़ दी और साधु बनने का निश्वय किया। उन्होंने बताया, “जब हम भगवान की महिमा के बारे में विचार करते हैं तो प्रतीत होता है की भगवान और गुरु से बड़ी कोई डिग्री या प्रतिष्ठा नहीं है।