नई दिल्ली। केदारनाथ की यात्रा करने वालों के लिए बारिश ने कुछ समय के लिए बाधा उत्पन्न की थी जिसके बाद यात्रा को रोका गया था। लेकिन एक बार फिर केदारघाटी में मौसम के खुलने के बाद सोनप्रयाग और गौरीकुंड से करीब 15000 तीर्थयात्रियों को धाम के लिए रवाना किया है। बारिश के कारण यात्रियों को गौरीकुंड और सोनप्रयाग में रोका गया था। इस दौरान धाम की तरफ से भी करीब 10000 यात्री वापस लौटे हैं। केदारधाम और बद्रीधाम में जोरदार बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के जलस्तर में काफी ज्यादा वृद्धि हुई है। इसी को देखते हुए पुलिस प्रशासन बेहद सख्ती बरत रहा है। तीर्थयात्रियों को खराब मौसम के कारण सावधानी पूर्वक यात्रा करने के निर्देश दिए गए हैं।
Uttarakhand | Pilgrims who were stopped at Sonprayag have been sent to Kedarnath after the weather cleared in Kedarnath Valley. Any decision regarding the yatra will be taken on the basis of weather alert issued by relevant department: Rudraprayag District Magistrate Mayur Dixit
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 26, 2023
इसके साथ ही राज्य के भीतर नदियों किनारे बसे होटलों, गांवों को भी इस बारे में सचेत किया जा रहा है। मौसम की जानकारी भी घाटी के लोगों को बराबर अपडेट के साथ दी जा रही है। पैदल चलने वाले यात्रियों को मेडिकल सहायता भी दी जा रही है। रविवार को तेज बारिश होने के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग के छोड़ी गधेरे पर आए उफान के कारण अधिकारियों के आदेश के बाद यात्रा को रोक दिया गया था। इसके आलावा जो भी यात्री केदारधाम से नीचे आ रहे थे उनको सुरक्षित रास्ते से नीचे गौरीकुंड लेकर आया गया। और जो भी यात्री गौरीकुंड में या सोनप्रयाग में उस समय मौजूद थे उनको आगे बढ़ने से रोकने के निर्देश दिए गए थे।
लेकिन किसी तरह जब आज कुछ दिनों बाद मौसम साफ़ हुआ तो यात्रियों को गौरीकुंड और सोनप्रयाग से धाम के लिए भेजा गया। केदारनाथ पैदल मार्ग के दो से तीन जगहों पर बरसाती गधेरा उफान पर आ गए हैं, जहां पर एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, पीआरडी के साथ ही होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि गधेरो का पानी भले ही कम हो गया है, लेकिन सुरक्षा के तौर पर जवान तैनात हैं। इसके साथ ही अन्य डेंजर वाले स्थानों पर भी पुलिस के जवानों के साथ ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई है। हालांकि घाटी के अंदर मौसम बार बार बन बिगड़ रहा है। ऐसे में यात्रा के निर्बाध ऐसे ही चलते रहने की कम संभावना है।