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संसद में आज भी हंगामे के आसार, लोकतांत्रिक परंपरा को कल दोनों सदनों में ध्वस्त कर चुका है विपक्ष

Parliament: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा में सत्ता पक्ष के नेता पीयूष गोयल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत तमाम नेताओं ने विपक्ष के हंगामे की निंदा की थी। पीएम मोदी विपक्ष को कह चुके थे कि हर मुद्दे पर सरकार से तीखे सवाल पूछें, लेकिन शांति से जवाब भी सुनें, लेकिन विपक्ष के नेता कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे।

नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र का आज दूसरा दिन है। सोमवार को विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था। जिसकी वजह से लोकसभा में कोई कामकाज नहीं हो सका था। वहीं, राज्यसभा में थोड़ी देर कार्यवाही चल सकी थी। हालत ऐसी थी कि दोनों सदनों की लोकतांत्रिक परंपरा भी कल मिट्टी में मिला दी गई। लोकसभा और राज्यसभा में सोमवार को कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा बरपा दिया था। यहां तक कि लोकतांत्रिक परंपरा और सदन के नियमों के तहत पीएम नरेंद्र मोदी को अपने मंत्रियों का परिचय तक नहीं कराने दिया गया था। लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी थी और फिर कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा होते रहने के कारण दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।

राज्यसभा में भी ऐसा ही हाल था। वहां भी पीएम मोदी को विपक्ष ने मंत्रियों का परिचय कराने नहीं दिया। दोपहर दो बजे के बाद उप सभापति हरिवंश ने सामुद्रिक चलन संबंधी बिल पर कुछ देर चर्चा कराई, लेकिन हंगामा थमते न देखकर उन्होंने मंगलवार तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी थी।

पीएम मोदी ने विपक्ष के इस रवैये पर कहा था कि कुछ लोग ये देखना नहीं चाहते कि मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं को बड़ी संख्या में लिया गया है। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने पहली बार संसदीय और लोकतांत्रिक परंपरा को धूल में मिलाते पहली बार देखा है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा में सत्ता पक्ष के नेता पीयूष गोयल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत तमाम नेताओं ने विपक्ष के हंगामे की निंदा की थी। पीएम मोदी विपक्ष को कह चुके थे कि हर मुद्दे पर सरकार से तीखे सवाल पूछें, लेकिन शांति से जवाब भी सुनें, लेकिन विपक्ष के नेता कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे।