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Rajasthan: ‘मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में ना हो बिजली की कटौती’: गहलोत राज में बिजली विभाग के फरमान पर बवाल

Rajasthan: सवाल ये है कि करौली हिंसा पर गहलोत सरकार चुप्पी साथ लेती है। हिंदू नववर्ष पर राज्य सरकार की कोई तैयारी नहीं रही। पहले से हिदायत मिलने के बाद भी आखिर गहलोत सरकार ने एक्शन नहीं लिया जिसके चलते हिंसा भड़क गई। इतना ही नहीं फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का जहां दुनियाभर तारीफ की गई। वहीं गहलोत सरकार फिल्म को लेकर हायतौबा मचा रही था, इसके अलावा राज्य में धारा 144 लगा दिया गया।

नई दिल्ली। बीते दिनों राजस्थान के करौली में एक जुलूस के दौरान जमकर बवाल देखने को मिला था। हिंदू नववर्ष का जश्न मनाने के दौरान निकाले गए एक धार्मिक जुलूस में कुछेक असामाजिक तत्वों के द्वारा पथराव किया गया था, जिसके बाद करौली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। वहीं, हिंसा को बढ़ता देख एहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगा दिया गया। वहीं करौली हिंसा के लिए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। सीएम गहलोत ने कहा कि देश में खतरनाक माहौल है। देश में हिंदू-मुस्लिम कर दिया गया है। लेकिन अब सीएम गहलोत खुद तुष्टिकरण की राजनीति करते नजर आ रहे हैं। दरअसल जोधपुर विद्युत विभाग में रमजान को लेकर एक फैसला लिया गया है जिसके बाद राज्य की कांग्रेस सरकार लोगों के निशाने पर गई है।

Rahul Gandhi and Ashok Gehlot

जोधपुर बिजली विभाग ने रमजान के महीने में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में बिजली की कटौती ना करने का ऑर्डर जारी किया है। इस ऑर्डर में लिखा है कि दिनांक 04 अप्रैल से रमजान का महीना प्रारंभ हो रहा है। ग्रीष्म ऋतु में रोजेदारों का परेशानी ना हो, इसको देखते हुए सम्पूर्ण मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में कटौती नहीं की जाकर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें।

लेकिन सवाल ये है कि करौली हिंसा पर गहलोत सरकार चुप्पी साथ लेती है। हिंदू नववर्ष पर राज्य सरकार की कोई तैयारी नहीं रही। पहले से हिदायत मिलने के बाद भी आखिर गहलोत सरकार ने एक्शन नहीं लिया जिसके चलते हिंसा भड़क गई। इतना ही नहीं फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का जहां दुनियाभर तारीफ की गई। वहीं गहलोत सरकार फिल्म को लेकर हायतौबा मचा रही था, इसके अलावा राज्य में धारा 144 लगा दिया गया।

Rajasthan karauli

इससे साफ झलकता है कि गहलोत सरकार का अल्पसंख्यकों को लुभाने वाला चेहरा फिर उजागर हुआ है। मुस्लिम त्योहारों को लेकर गहलोत सरकार की तैयारी काबिले तारीफ है, लेकिन एकतरफा रवैया क्यों रहता है। ऐसे में अब गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ सकती है।