हैदराबाद। तेलंगाना के मंचेरियाल के बेल्लमपल्ली में तीन सरकारी कर्मचारी सस्पेंड कर दिए गए। इनका अपराध ये था कि सूबे के सीएम के. चंद्रशेखर राव के बेटे और म्यूनिसिपल विभाग के मंत्री के. तारक रामा राव यानी केटीआर के जन्मदिन के मौके पर मनाए गए उत्सव में वे शामिल नहीं हुए थे। बेल्लमपल्ली म्युनिसिपैलिटी के कमिश्नर ने इन कर्मचारियों को सस्पेंड कर उनसे जवाब तलब किया है। बता दें कि केटीआर का जन्मदिन बीती 24 जुलाई को था। उस मौके पर बेल्लमपल्ली म्युनिसिपैलिटी ने सरकारी अस्पताल में एक कार्यक्रम किया था। तीनों कर्मचारी किसी कारण से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके थे और नतीजे में सस्पेंड हो गए।
कार्यक्रम में कौन आया और कौन नहीं, इसकी गिनती शायद की गई थी। जिससे तीनों कर्मचारियों के वहां मौजूद न होने का पता चला। इसके अगले ही दिन 25 जुलाई को बेल्लमपल्ली म्युनिसिपैलिटी के कमिश्नर ने तीनों को सस्पेंड कर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। उन्होंने आदेश में लिखा कि सभी कर्मचारियों को वाट्सएप के जरिए कार्यक्रम के बारे में पहले ही बता दिया गया था। आप लोग इसमें शामिल नहीं हुए। ये घोर अनुशासनहीनता है। क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए? बीजेपी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। पार्टी ने पूछा है कि मंत्री का जन्मदिन समारोह आखिर कर्मचारियों की नौकरी का हिस्सा किस तरह है।
Govt of Telangana has issued a memo to employees asking them to explain why they didn’t attend Prince KTR’s birthday bash on 24th Jul. Last we knew, Telangana still had a government that was elected to serve people or has it transformed into a monarchy, fiefdom of KCR family? pic.twitter.com/GJk9use5IX
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 29, 2022
बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने ट्विटर पोस्ट में केटीआर पर तंज कसते हुए उनको राजकुमार कहा है। मालवीय ने लिखा है कि तेलंगाना सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक चिट्ठी जारी की है। जिसमें पूछा गया है कि वे 24 जुलाई को प्रिंस केटीआर के जन्मदिन के समारोह में क्यों शामिल नहीं हुए। हम सबको तो यही पता है कि तेलंगाना में एक सरकार थी, जो लोगों की सेवा के लिए चुनी गई थी। इसे राजशाही में बदल दिया गया?