गुवाहाटी। मणिपुर हिंसा इतना विकराल रूप ले चुकी थी कि लगता था जैसे सिर्फ मणिपुर ही नहीं बल्कि समूचा नॉर्थ ईस्ट हिंसा की आग में झुलस रहा है। जातीय हिंसा की आग ऐसी भड़की कि फिर थमी नहीं। लेकिन अब इसको लेकर जांच तेज हो गई है। दरअसल, इस पूरे मामले की छानबीन के लिए भारत सरकार ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय लांबा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया है। पूर्व आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर भी आयोग में शामिल होंगे ऐसी सूचनाएं सामने आई है। इसको लेकर एक लेटर भी सामने आया है।
Centre constitutes three member commission headed by former Chief Justice of Gauhati High Court, Justice Ajai Lamba to look into Manipur clashes. Himanshu Shekhar Das, Retd IAS and Alok Prabhakar, former Special Director, IB are the members of the commission. pic.twitter.com/o8MXIzUMUh
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) June 4, 2023
जानकारी के लिए आपको बता दें कि नॉर्थ ईस्ट के राज्य मणिपुर में बीते कई दिनों की हिंसा और कर्फ्यू के बाद हालात में सुधार नजर आने लगा है। शनिवार को मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि राज्य में शांति लौट रही है और सामान्य स्थिति बहाल हो रही है। पिछले 24 घंटे में मणिपुर में फायरिंग और आगजनी की कोई घटना नहीं हुई है। इसके अलावा, असम राइफल्स सहित संयुक्त सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटों में कई अभियानों में 35 हथियार और 88 बम भी पकड़े थे, जिनको कि हिंसा को भड़काने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।
शाह बोले- मणिपुर हिंसा की वजह गलतफहमी: CBI करेगी मणिपुर हिंसा की जांच, ज्यूिडशियल कमीशन भी बनेगा; कल से सर्च ऑपरेशन#AmitShah #Manipur #Imphal https://t.co/AEoz86swbB pic.twitter.com/0p9bPAb8a1
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) June 1, 2023
हालांकि गौर करने वाली बात ये भी है कि इस पूरे मामले के में गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद हिंसा में काफी कमी दिखाई दी। उन्होंने राज्य के विभिन्न हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे के साथ ही राहत और पुनर्वास पैकेज की घोषणा की थी। शाह ने हिंसा के लिए मणिपुर उच्च न्यायालय की ओर से ‘जल्दबाजी’ में लिए गए फैसले को दोषी ठहराया और कहा, ‘हिंसा एक अस्थायी चरण था, गलतफहमियां दूर हो जाएंगी, इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जल्द परिस्थितियों को हम सामान्य कर सकेंगे।