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Tikait Got Verbal Thrashing: राकेश टिकैत का जब हुआ सच से सामना, झूठ बोलकर बचने की करने लगे कोशिश

Tikait Got Verbal Thrashing: राकेश टिकैत लगातार मोदी सरकार और तीन कृषि कानूनों के बारे में गलतबयानी करते रहते हैं। बीते दिनों उन्होंने कहा था कि किसान अब लखनऊ का घेराव करेंगे। टिकैत पहले भी यही धमकी दे चुके हैं। इस पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें जवाब भी दिया था। योगी ने कहा था कि किसानों का लखनऊ में स्वागत किया जाएगा, लेकिन किसी ने हुड़दंग या हिंसा की, तो सरकार उससे दूसरी भाषा में बात करेगी।

सोलन। भारतीय किसान यूनियन BKU के नेता राकेश टिकैत का हिमाचल प्रदेश में सच से सामना हो गया। कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 9 महीने से दिल्ली को किसानों के साथ घेरकर बैठे टिकैत को एक आढ़ती ने जब सच का सामना कराया, तो दोनों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। इसके बाद टिकैत ने झूठ बोलते हुए आढ़ती पर ही आरोप लगा दिया। आढ़ती ने टिकैत से कहा कि किसान सड़क जाम कर रहे हैं, इससे उनका काम प्रभावित हुआ है। उसने कहा कि आंदोलन किसी और जगह भी किया जा सकता है। इस पर टिकैत बिगड़ गए। सच का सामना करने की हिम्मत टिकैत में थी नहीं। ऐसे में वह आरोप लगाने लगे कि आढ़ती नशे में था और उसके हाथ में पत्थर था। टिकैत ये आरोप भी लगाने लगे कि ये व्यक्ति उनके वाहन तोड़ने की धमकी दे रहा था।


इसके बाद टिकैत फिर किसान आंदोलन का राग गाने लगे। उन्होंने ये भी कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र और अर्की, फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों की घोषणा होने पर राज्य के किसान इस संबंध में अपनी रणनीति तय करेंगे। बता दें कि दो दिन पहले एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में टिकैत से एंकर ने पूछा था कि क्या उन्होंने तीनों कृषि कानून पढ़े हैं ? इस पर टिकैत ने हां में जवाब दिया। जब एंकर ने पूछा कि किस प्रावधान के तहत किसानों की जमीन पर उद्योगपति कब्जा कर लेंगे, तो टिकैत नाराज हो गए और कहने लगे कि वह कृषि कानूनों के मसले पर बात नहीं करेंगे।

राकेश टिकैत लगातार मोदी सरकार और तीन कृषि कानूनों के बारे में गलतबयानी करते रहते हैं। बीते दिनों उन्होंने कहा था कि किसान अब लखनऊ का घेराव करेंगे। टिकैत पहले भी यही धमकी दे चुके हैं। इस पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें जवाब भी दिया था। योगी ने कहा था कि किसानों का लखनऊ में स्वागत किया जाएगा, लेकिन किसी ने हुड़दंग या हिंसा की, तो सरकार उससे दूसरी भाषा में बात करेगी।