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Election: यूपी-पंजाब के दलितों को साधने के लिए संत रविदास जयंती का सहारा, जानिए कौन-कौन नेता आज टेकेंगे माथा

संत रविदास 15वीं और 16वीं सदी के दौरान भक्ति आंदोलन के संत थे। उनके दोहे गुरु ग्रंथ साहिब में भी हैं। उनको रविदासिया संप्रदाय का संस्थापक माना जाता है। हर साल माघी पूर्णिमा पर उनकी जयंती होती है। इसी मौके पर नेता सीर गोवर्धनपुर में उनके मंदिर पर माथा टेकने जा रहे हैं।

वाराणसी। आज गुरु रविदास की जयंती है। इस मौके पर तमाम नेता वाराणसी में रविदास मंदिर पर आज माथा टेकने वाले हैं। जो नेता यहां आएंगे, उनमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस के राहुल और प्रियंका गांधी और पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी हैं। यहां माथा टेकने के बाद नेता अपने प्रचार के काम में जुटेंगे। वहीं, पीएम मोदी दिल्ली के करोलबाग स्थित गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाएंगे। संत रविदास 15वीं और 16वीं सदी के दौरान भक्ति आंदोलन के संत थे। उनके दोहे गुरु ग्रंथ साहिब में भी हैं। उनको रविदासिया संप्रदाय का संस्थापक माना जाता है। हर साल माघी पूर्णिमा पर उनकी जयंती होती है।

Yogi

वाराणसी में संत रविदास जिस जगह बैठकर जूते बनाते थे, उस जगह यानी सीर गोवर्धनपुर में उनका मंदिर है। हर साल उनकी जयंती पर देश के तमाम हिस्सों से लोग यहां श्रद्धासुमन देने आते हैं। हर साल इस मौके पर यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है। इस बार ये मौका खास इसलिए है क्योंकि यूपी और पंजाब में चुनाव हैं और दोनों जगह दलित वोटरों की संख्या अच्छी-खासी है। इस वजह से नेता सीर गोवर्धनपुर में माथा टेकने आ रहे हैं। दलित वोटरों और संत रविदास की जयंती को नेता किस तरह चुनाव में अहम मानते हैं, ये इसी से पता चलता है कि पंजाब में 14 फरवरी को वोट पड़ने थे, लेकिन सभी दलों की गुजारिश पर चुनाव आयोग को 20 फरवरी को वोटिंग की तारीख रखनी पड़ी। पंजाब के सभी दलों ने चुनाव आयोग से कहा था कि रविदास जयंती पर दलित वाराणसी जाएंगे और इस वजह से वोटिंग कम होगी।

Priyanka Gandhi And Rahul Gandhi Rajghat

 

यूपी में भी दलित वोटरों की अच्छी-खासी तादाद है। ये दलित वोटर पहले बीएसपी के साथ जुड़े थे, लेकिन साल 2014 के बाद से उन्होंने बीजेपी का दामन थामा है। इस वजह से बीजेपी के लिए भी दलित वोटर अहम हैं। कुल मिलाकर इन्हीं दलित वोटों को हासिल करने के लिए संत रविदास की जयंती इस साल नेतानगरी के लिए काफी खास हो गई है।