नई दिल्ली। कांग्रेस और 28 विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के लिए आज पहली अहम परीक्षा का दिन है। कांग्रेस आज सीटों के बंटवारे पर गठबंधन के दलों आम आदमी पार्टी (आप) और जेडीयू से बातचीत करने वाली है। कांग्रेस के नेता और गांधी परिवार के करीबी सलमान खुर्शीद ने ये जानकारी एक अखबार से बातचीत में दी थी। आज की बातचीत में कांग्रेस दिल्ली, पंजाब और बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर चर्चा करने वाली है। दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटें हैं। पंजाब में सीटों की संख्या 13 है और बिहार में लोकसभा की 40 सीट हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में कांग्रेस कम से कम 2, पंजाब में 5-6 और बिहार में 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। वहीं, आम आदमी पार्टी उसे दिल्ली में 1-2, बिहार में 2-3 सीटें देने को तैयार हो सकती है। जबकि, बिहार में जेडीयू और आरजेडी ने कांग्रेस को 4 सीटें ही देने का प्रस्ताव किया है।
अब आज की बैठक में देखना होगा कि कांग्रेस अपने पक्ष में आम आदमी पार्टी और जेडीयू को मना पाती है या इनके अड़ियल रुख की वजह से इंडिया गठबंधन में ताजा दरार पैदा होती है। इन सबके बीच इंडिया गठबंधन के एक और अहम शरीक दल सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी नई शर्त रख दी है। अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर सीटों के बंटवारे का काम कांग्रेस राहुल गांधी की 14 जनवरी से होने वाली न्याय यात्रा से पहले कर लेती है, तो यूपी में जब यात्रा पहुंचेगी, तो सपा भी उसका साथ देगी। यानी अगर कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच लोकसभा सीटों का बंटवारा नहीं हो पाता है, तो यूपी में न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ सपा के नेता नहीं खड़े होंगे। चूंकि दिन कम हैं और इस दौरान लोकसभा सीटों का बंटवारा तय होना करीब-करीब असंभव दिख रहा है, तो अखिलेश यादव की ये शर्त नया पेच बनकर इंडिया गठबंधन के सामने है।
बीते दिनों खबर आई थी कि कांग्रेस देशभर में 290 लोकसभा सीटों पर बीजेपी से मुकाबला करना चाहती है। लोकसभा की 545 सीटों के लिहाज से ये बड़ी संख्या है। ऐसे में विपक्षी दल कांग्रेस के इस इरादे के साथ खड़े होते हैं या नहीं, ये देखना काफी दिलचस्प होगा। यूपी की बात करें, तो यहां सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं। पिछली बार यानी 2019 में कांग्रेस सिर्फ रायबरेली की सीट ही जीत सकी थी। जबकि, राहुल गांधी अपने गढ़ अमेठी में बीजेपी की स्मृति इरानी से हार गए थे। वहीं, सपा ने पिछली बार 5 लोकसभा सीटें हासिल की थीं। ऐसे में देखना ये भी होगा कि कांग्रेस को सपा की तरफ से कितनी लोकसभा सीटें ऑफर की जाती हैं और कांग्रेस उतनी सीटों पर मानती भी है या नहीं। खास बात ये भी है कि बीते दिनों मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान सीटों को लेकर ही सपा और कांग्रेस में जंग हो चुकी है।