नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद से सुरक्षा और शांति के मुद्दों पर विचार विमर्श किए जाने के लिए भारत की ओर से ‘दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता’ का आयोजन किया जा रहा है। यह वार्ता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के स्तर पर की जाएगी। जिसकी मेजबानी भारत के एनएसए अजित डोवल द्वारा की जाएगी। रूस, ईरान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान तथा कजाखस्तान इस बैठक में हिस्सा लेंगे।
इस बैठक में अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर चर्चा की जाएगी। अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद सुरक्षा और शांति पर चर्चा होगी, इसके साथ ही अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन से पैदा हुए हालातों और खतरों से निपटने पर भी विचार-मंथन भी किया जाएगा। बता दें कि इस बैठक के लिए पाकिस्तान और चीन को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने शामिल होने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान ने 2018 और 2019 में भी एनएसए स्तरीय बैठकों में हिस्सा नहीं लिया था।
भारत का कहना है कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति और भविष्य के दृष्टिकोण पर क्षेत्रीय हितधारक और महत्वपूर्ण देश एक साथ आएं। जिससे की अफगानिस्तान में सत्ता पलट के बाद सुरक्षा के लिहाज से बढ़ी चिंताओं को एक दूसरे के साथ परामर्श तथा समन्वय के साथ दूर किया जा सके। होने वाली इस बैठक में सभी नजरियों पर चर्चा की जाएगी। हितों की सुरक्षा को लेकर एक साझी सुरक्षा नीति बनाने पर भी बात की जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोबल ने उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की थी।