
नई दिल्ली। पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद से केंद्र सरकार एक्शन मोड में है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा है कि आतंकियों और उनकी मदद करने वालों को कल्पना से भी बड़ी सजा देंगे। भारत के इस आक्रामक तेवर को देखकर ऐसा लगता है कि आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) डर गया है और उसने पहलगाम हमले में संलिप्तता से इनकार किया है। जबकि इससे पहले टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। टीआरएफ की ओर से इस संबंध में बयान जारी किया गया है।
टीआरएफ का कहना है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले से उसका कोई लेना देना नहीं है। टीआरएफ ने सफाई दी है कि हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म को हैक किया गया और पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाला मैसेज पोस्ट किया गया। टीआएफ को पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार ठहराना अनुचित है। कश्मीरी प्रतिरोध को बदनाम करने के लिए यह एक सुनियोजित अभियान है। इससे पहले लश्कर के लश्कर ए तैयबा के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने भी वीडियो जारी कर आतंकी हमले के लिए खुद को जिम्मेदार बताए जाने की खबरों को खारिज किया था। उसने कहा था कि हम इस हमले की निंदा करते हैं।
भारतीय मीडिया पर आरोप लगाते हुए सैफुल्लाह ने कहा था कि बिना किसी सबूत के हमें और पाकिस्तान को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बता दें कि पहलगाम में हमले में 26 लोगों की मौत के बाद गृहमंत्री अमित शाह खुद उसी रात श्रीनगर दौरे पर गए थे। उसके अगले दिन शाह ने पहलगाम जाकर हमले वाली जगह का दौरा किया था। अमित शाह ने भी दो टूक शब्दों में कहा था कि इस हमले के जिम्मेदार लोगों को किसी कीमत बख्शा नहीं जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी भी अपना सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर वापस आ गए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आतंकियों और उनके आकाओं को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी थी।