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‘मैं PM मोदी की तारीफ नहीं कर रहा हूं, लेकिन….: त्रिपुरा HC के चीफ जस्टिस ने कृषि कानूनों को वापस लेने पर कहा

Tripura High Court judge : यदि कोई फैसला जनता को पसंद नहीं आ रहा, तो उसे वापस लेना ही सही फैसला है। क्या आपने कभी किसी प्रधानमंत्री को माफी मांगते सुना है?” चीफ जस्टिस इंद्रजीत महंती ने एक सांप्रदायिक हिंसा के केस पर सुनवाई करते हुए कहा।

नई दिल्ली। विगत एक वर्ष से तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 9 बजे तीनों कृषि कानूनों को वापस करने का ऐलान कर दिया। पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद किसान भाई इसे अपनी जीत बता रहे हैं। किसानों क बीच खुशी की लहर है। वहीं, केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है। इस बीच मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती ने सांप्रदायिक मसले को लेकर सुनवाई के दौरान कहा कि सही मायने में यही सच्चे राजनेता के लक्षण हैं।

“मैं प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ नहीं कर रहा हूं, बस यह कह रहा हूं कि सही मायने में यही है एक सच्चे राजनेता के लक्षण। यदि कोई फैसला जनता को पसंद नहीं आ रहा, तो उसे वापस लेना ही सही फैसला है। क्या आपने कभी किसी प्रधानमंत्री को माफी मांगते सुना है?” चीफ जस्टिस इंद्रजीत महंती ने एक सांप्रदायिक हिंसा के केस पर सुनवाई करते हुए कहा।

Tripura High court

बता दें कि जस्टिस इंद्रजीत महंती का यह बयान अभी काफी सुर्खियों में है। उन्होंने यह बयान आज पीएम मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के संदर्भ में दिया है। बता दें कि आज पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेते हुए सभी किसानों से माफी भी मांगी है। जिसे लेकर सियासी गलियारों में सियासी समझ रखने वाले लोग सक्रिय हो चुके हैं।

न्यायाधीश इंद्रजीत महंती ने मोदी सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के संदर्भ में आगे कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी आधिकारिक पद पर पदस्थ है, तो उसे तारीफों के साथ आलोचनाओं को झेलने के लिए भी तैयार रहना होगा, चूंकि सरकारी पद पर रहने के दौरान उसे इन दोनों ही स्थितियों का सामना करना होगा। हम ऐसा नहीं कह सकते हैं कि हम सरकारी पद पर पदस्थ हैं, तो हमें आलोचनाएं नहीं झेलनी होंगी। हमें दोनों ही स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

बता दें कि न्यायाधीश ने यह बयान पीएम मोदी के फैसले पर दिया है। जिस पर अभी प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है। वहीं, किसान आंदोलन के अगुवा राकेश टिकैत ने पीएम मोदी के कृषि कानूनों को वापस लेने पर कहा कि अभी हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बन जाता है।