प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी सिंह नाम के तीन शूटरों ने 15 अप्रैल की रात हत्या कर दी थी। अतीक और अशरफ की मौत के बाद भी खुलासों का सिलसिला जारी है। पहला खुलासा ये हुआ है कि अतीक के बेटे असद ने शेर-ए-अतीक नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप में करीब 200 लोग थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक असद के बनाए वाट्सएप ग्रुप में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के भी मददगार थे। पुलिस अब इस ग्रुप के सभी लोगों से पूछताछ करेगी। पुलिस को शक है कि ग्रुप का इस्तेमाल उमेश पाल की हत्या के लिए भी इस्तेमाल किया। उमेश पाल की हत्या इस साल 24 फरवरी को हुई थी। इस मामले में आरोपी रहे अतीक के बेटे असद को पुलिस ढेर कर चुकी है। वाट्सएप ग्रुप के बारे में पुलिस सूत्रों का कहना है कि असद ने नवंबर 2022 में इसे डिलीट कर दिया था।
दूसरा खुलासा अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले शूटरों के बारे में आया है। अतीक-अशरफ की हत्या की जांच कर रही पुलिस की एसआईटी ने प्रयागराज के होटल से शूटरों के 2 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। शूटरों से पूछताछ के बाद मोबाइल फोन की बरामदगी की गई है। फोन में सिम कार्ड नहीं मिले। सूत्रों के अनुसार शूटरों ने बताया कि दोनों मोबाइल फोन के सिम कार्ड उन्होंने फेंक दिए थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शूटरों की मदद करने वाले लोग हैं, लेकिन तीनों ने अब तक इनके बारे में खुलासा नहीं किया है। इन शूटरों से जानकारी निकालने के लिए इनका नारको एनालिसिस टेस्ट और ब्रेन मैपिंग कराने की भी पुलिस तैयारी कर रही है।
इस बीच, अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन, उसकी ननद नूरी और उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहा शूटर साबिर अब तक फरार है। हत्याकांड के दौरान बमबाजी करने वाला गुड्डू मुस्लिम भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। यूपीएसटीएफ चीफ अमिताभ यश मीडिया को पहले ही बता चुके हैं कि गुड्डू मुस्लिम और शाइस्ता की गिरफ्तारी सबसे अहम है। अमिताभ यश ने गुड्डू मुस्लिम को बहुत खतरनाक बदमाश बताया था। उन्होंने कहा था कि गुड्डू मुस्लिम चलती बाइक पर बैठकर भी कुछ ही वक्त में बम बना सकता है।