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UP: विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने बनाया ऐसा गेमप्लान, विपक्ष के पटकनी खाने के आसार

यूपी विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। सत्तारूढ़ बीजेपी दोबारा सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरों को आगे कर दोबारा सत्ता हासिल करना चाहती है। वहीं, समाजवादी पार्टी 2014, 2017 और 2019 का सूखा खत्म करना चाहती है। बीएसपी की सुप्रीमो मायावती 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में भी अच्छा नहीं कर सकीं।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। सत्तारूढ़ बीजेपी दोबारा सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरों को आगे कर दोबारा सत्ता हासिल करना चाहती है। वहीं, समाजवादी पार्टी 2014, 2017 और 2019 का सूखा खत्म करना चाहती है। बीएसपी की सुप्रीमो मायावती 2012 से यूपी की सत्ता से बाहर हैं। उनकी पार्टी 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में भी अच्छा नहीं कर सकी। ऐसे में वो भी इस बार अपने खास सतीश चंद्र मिश्रा के जरिए विधानसभा चुनावों में जीतने के लिए 2007 का गेमप्लान अपना रही हैं, लेकिन बीजेपी ने मायावती के इस गेमप्लान को मात देने के लिए अपना प्लान तैयार किया है। इस प्लान से बीजेपी मायावती के साथ अखिलेश यादव की सपा को भी दक्खिन करने की तैयारी में है।

Voters stand in a queue to cast their vote at a polling station

तो चलिए, अब आपको बताते हैं कि बीजेपी का ये कौन सा गेमप्लान है। यूपी दरअसल 4 हिस्सों में बंटा है। पश्चिम, पूर्वांचल, अवध और बुंदेलखंड। इनमें से पूर्वांचल में 26 जिले हैं और कुल 403 विधानसभा सीटों में से 157 सीटें यहीं हैं। अब तक का रिकॉर्ड है कि जो पूर्वांचल जीतता है, वही यूपी पर राज करता है। 2007 में मायावती की बीएसपी ने यहां 85 सीटें जीती थीं। 2012 में अखिलेश की सपा पूर्वांचल की 112 सीटों पर विजयी रही थी। जबकि, 2017 में बीजेपी ने यहां की 117 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसकी बड़ी वजह एक समुदाय का प्रभुत्व है। ये समुदाय ब्राह्मणों का है। पूर्वांचल के वाराणसी, चंदौली, महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, भदोही, जौनपुर, बस्ती, संत कबीरनगर, अमेठी, बलरामपुर और प्रयागराज में ब्राह्मण वोटर 15 फीसदी से ज्यादा हैं और उम्मीदवार की जीत या हार तय करते हैं।

CM Yogi Adityanath

अब तक बीएसपी की ओर से सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश कर रहे थे। अब बीजेपी ने ब्राह्मण नेताओं की एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी को जिम्मा दिया गया है कि हर जिले में जाकर वहां के प्रबुद्ध ब्राह्मणों का समर्थन बीजेपी के लिए हासिल करें। उन्हें बताएं कि किस तरह केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों ने ब्राह्मणों के लिए काम किया है। योगी सरकार में 9 ब्राह्मण मंत्री हैं। इन सभी के जरिए बीजेपी अब पूर्वांचल में ब्राह्मणों को साधकर विपक्ष को पूरी तरह पटकनी देना चाहती है। वैसे, राम मंदिर आंदोलन के समय से बीजेपी के प्रति ब्राह्मणों का लगाव रहा है, लेकिन 2007 में ये समुदाय मायावती के पक्ष में आ गया था। इससे मायावती ने बड़े बहुमत से यूपी में जीत हासिल की थी।