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घर के दीवारों पर प्लास्टर तक नहीं लेकिन अखिलेश के लिए आलीशान सोफा, सियासी घमासान शुरु

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने 3 नवंबर को इटावा की सैफई तहसील के गीजा गांव पहुंचे थे, जहां उन्होंने डेंगू की वजह से जान गंवाने वाले एक पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान अखिलेश जिस सोफे पर बैठे थे, उसी सोफे को लेकर अब यूपी में सियासत शुरू हो गई है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे चुनावी सरगर्मी तेज होती जा रही है। सभी पार्टियाँ का शीर्ष नेतृत्व एक बार फिर एक्टिव दिखाई दे रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने 3 नवंबर को इटावा की सैफई तहसील के गीजा गांव पहुंचे थे, जहां उन्होंने डेंगू की वजह से जान गंवाने वाले एक पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान अखिलेश जिस सोफे पर बैठे थे, उसी सोफे को लेकर अब यूपी में सियासत शुरू हो गई है।

दरअसल अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की दो तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा कि इटावा के जिस गाँव में मुख्यमंत्री जी ने महामारी में ‘दिखावटी कोविड पर्यटन’ करके सभी मेडिकल व्यवस्थाओं के सही होने का झूठा दावा किया था, आज यहाँ आकर उसकी कलई खुलते देखी। यहाँ का एक गाँव डेंगू से बुरी तरह प्रभावित है और कई मौतें भी हो चुकी हैं। सोती सरकार तत्काल ध्यान दे!” अखिलेश यादव ने जिन दो तस्वीरों को शेयर किया है उसमें वे पीड़ित परिवार से मुलाक़ात करते दिखाई दे रहे हैं।

हालांकि अब इन्हीं तस्वीरों को लेकर सियासत तेज हो गई है। यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा था कि जिस घर में प्लास्टर नहीं है वहां पर सोफा कहां से आया।

इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि समाजवाद की बात करने वाले यूपी के शहज़ादे जहां जाते है अपना सोफा साथ लेकर जाते है।

सोफे को लेकर अखिलेश यादव का अजमाकर घेराव किया गया, जिस व्यक्ति से अखिलेश यादव मिले उसका नाम मुकेश बाथम है। उन्होंने बताया कि पिछले 4 महीने में उनके दो बेटों की शादी हुई लेकिन एक लड़का डेंगू से पीड़ित हो गया और उसकी मौत हो गई। जो सोफे दिखाई दे रहे है वे दोनों बेटों की शादी में उपहार के तौर में मिले हैं।

हालांकि अखिलेश यादव पर सपा एके विपक्षी जोरदार हमला कर रहे हैं।